भुवनेश्वरः श्रीक्षेत्र धाम पुरी में आषाढ़ शुक्ल द्वितीय तिथि में महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी की हर साल होने वाली विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा के लिए श्रीमंदिर प्रशासन ने अभी से तैयारी शुरु कर दी है। रथ में लगने वाली लकड़ी के लिए पेड़ की कटाई अनुकूल करने हेतु श्रीमंदिर प्रशासन की चार सदस्यीय टीम आज नयागड़ के लिए रवाना हो गई है। श्रीमंदिर नीति प्रशासक जितेन्द्र कुमार साहू के नेतृत्व में रथ तत्वधारक, भोई सरदार इस टीम में शामिल हैं, जो नयागड़ के जंगलों में जाकर रथ के लिए लकड़ी की पहचान करेंगे।
रथ निर्माण के लिए कुल 856 लकड़ी की जरूरत
महाप्रभु के रथ के लिए लकड़ी की खोज में निकली यह टीम अपने साथ मालमहार्द, खंडुआ, धूप, दीप नारियल, पूजा सामग्री लेकर रवाना हुई है। परंपरा के मुताबिक रथ की लकड़ी के लिए पेड़ की कटाई करने से पहले बड़राउल ठाकुर के पास पूजा अर्चना एवं होम यज्ञ किया जाता है। इसके बाद जरूरी पेड़ों की कटाई कर नयागड़ वन विभाग श्रीमंदिर प्रशासन के पास भेजता है। रथ संहिता के मुताबिक तीनों रथ निर्माण के लिए कुल 856 लकड़ी की जरूरत होती है। पिछले साल जो लकड़ी लायी गई थी उसमें से 69 लकड़ी श्रीमंदिर प्रशासन के पास बची हुई है। ऐसे में इस साल 796 लकड़ी लायी जाएगी।
गौरतलब है कि पिछले साल महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी की विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा को लेकर श्रीमंदिर से लेकर ओडिशा सरकार एवं केन्द्र सरकार एवं सुप्रीमकोर्ट तक चहलकदमी बढ़ गई थी। कोरोना संक्रमण के कारण रथयात्रा होगी या नहीं इस पर अंतिम क्षण तक संशय बना हुआ था। अंत में सुप्रीमकोर्ट से अनुमति मिलने के बाद महाप्रभु की रथयात्रा बिना भक्तों के सम्पन्न की गई। केवल श्रीमंदिर के सेवक, पूजक एवं पुलिस के जरिए महाप्रभु के रथ दर्शन का अवसर मिला था।