
कोलकाता : कोरोनावायरस के इस दौर में अपनी सेहत का ख्याल रखना बहुत जरूरी हो गया है। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि कोरोना वायरस हमें कई तरह से भयानक नुकसान पहुंचाता है। इसलिए कोरोना से बचाव के लिए केवल इम्यूनिटी को बेहतर बनाए रखना ही काफी नहीं है, हमें खुद को ताकतवर बनाना भी बहुत जरूरी है। देश में कोरोना के केस जैसे-जैसे कम होते चले गए, लोगों ने एक बार फिर अपने सेहत के साथ खिलवाड़ करना शुरू कर दिया। जबकि सच्चाई यही है कि हमें सिर्फ कोरोना जैसी महामारी के दौरान ही नहीं बल्कि जीवनभर सेहत का ख्याल रखना बहुत जरूरी है।
शरीर को चट्टान जैसी ताकत देता है कंटोला
अच्छी सेहत के लिए सिर्फ अच्छा लाइफस्टाइल ही नहीं बल्कि अच्छा खानपान और नियमित रूप से व्यायाम करना भी जरूरी है। इसी सिलसिले में आज हम आपको एक सब्जी के बारे में बताने जा रहे हैं जो सिर्फ सब्जी नहीं बल्कि एक औषधि भी है। जी हां, हम बात कर रहे हैं कंटोला की। कंटोला को कर्कोटकी और ककोरा के नाम से भी जाना जाता है। कंटोला में कई पोषक तत्व जैसे प्रोटीन, फाइबर, कार्बोहाइड्रेट्स, विटामिन ए, विटामिन बी1, बी2, बी3, बी5, बी6, बी9, बी12, विटामिन सी, विटामिन डी2 और 3, विटामिन एच, विटामिन के, कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटैशियम, सोडियम, कॉपर, जिंक आदि पाए जाते हैं। अब आप जान ही चुके होंगे कि ये साधारण सब्जी अपने अंदर कितनी ताकत समेटे हुए है। कंटोला गर्म तासीर वाली एक स्वादिष्ट सब्जी होती है, जो हमें जबरदस्त ताकत प्रदान करती है। इस सब्जी के बारे में कहा जाता है कि ये बहुत शक्तिशाली होती है जो आपके शरीर को ‘चट्टान’ जैसी ताकत प्रदान करती है।
इस रोगों में जबरदस्त लाभ पहुंचाता है कंटोला
कंटोला हमें कई प्रकार की बीमारियों से बचाकर रखती है। इतना ही नहीं, ये हमें कई रोगों से भी निजात दिलाता है। आयुर्वेद में भी कंटोला का बहुत महत्व है। यह सिरदर्द, बालों का झड़ना, कान दर्द, खांसी, पेट का इंफेक्शन, बवासीर, पीलिया, डायबिटीज, दाद, खुजली, लकवा, बुखार, सूजन, बेहोशी, सांप के काटने, आंखों की समस्या, कैंसर, ब्लडप्रेशर जैसे कई भयानक रोगों में जबरदस्त फायदा पहुंचाता है। यूं तो कंटोला को सामान्यतः सब्जी के रूप में बनाकर खाया जाता है लेकिन आयुर्वेद में इसकी जड़ों, फूल, रस, पत्ते आदि का इस्तेमाल कई रोगों से राहत दिलाने के लिए किया जाता है। बाजार में कंटोला की सब्जी अलग-अलग कीमतों पर मिलती है। यह 80 रुपये से 150 रुपये प्रति किलो के भाव पर मिल जाती है। दरअसल, इसकी कीमत सीजन और उपलब्धता पर निर्भर करती है।