
कर्म व्यवस्तता के कारण ज्यादातर लोग उपयुक्त समय तक सो नहीं पाते हैं, जिस कारण शरीर में 100 से अधिक बीमारियां होने की संभावना रहती हैं। इसमें कैंसर भी शामिल है। डॉक्टरों का कहना है कि कम से कम लोगों को 7 से 9 घंटा तक सोना चाहिए। अगर मनुष्य 7 से 9 घंटा तक नहीं सोता है तो शरीर 100 से भी ज्यादा बीमारी से ग्रसित हो जाता है, जो आगे चलकर लोगों को जिंदगी में कई सारी बीमारियों को दबा देता है। इसलिए निर्धारित समय तक सोना स्वस्थ जीवन का असली राज हो सकता है। सोने के लिए सही माहौल का बनना भी बहुत जरूरी है, ताकि हाइजेनिक नींद आराम से आ सके एवं सोने से 2 घंटा पहले ही जितनी भी इलेक्ट्रॉनिक गैजेट है, उसे दूर रखना जरूरी है या फिर उसे बंद रख सकते हैं। जरूरत पड़े तो नींद को बुलाने के लिए किताब का सहारा ले सकते हैं। जल्द जल्द शिफ्ट बदलकर काम करने वालों में कई सारे डिस्ऑर्डर आ जाते हैं, जिससे कैंसर होने की संभावना रहती है।
दही बचाए उच्च रक्तचाप से
दही से सभी परिचित हैं। दूध में खमीर उठने से वह दही बनता है। दूध से दही बनने पर उसका गुण कई गुना बढ़ जाता है। उसका पौष्टिक मूल्य बढ़ जाता है। नियमित अल्पमात्रा में दही के सेवन करने से भोजन सही पचता है एवं भोजन के पौष्टिक गुणों का सही लाभ मिलता है। दही भोजन के स्वाद को बढ़ाता है। यह पेट से संबंधित बीमारियों से बचाता है। नियमित दही सेवन करने वाले को बीपी होने का खतरा कम हो जाता है। बीपी आजकल की जीवन शैली की एक सर्वमान्य बीमारी है। यह भागदौड़ वाली व्यस्त जीवन शैली एवं अनियमित दिनचर्या की देन है। नियमित दही का सेवन करने वाला बीपी के होने एवं उसके खतरे से बच जाता है। गत दिनों हुए एक शोध अध्ययन से यह निष्कर्ष निकला है। दही का भारत में प्राचीन काल से विविध रूपों में उपयोग होता आ रहा है।