हरदोई : उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में कुछ गांव के लोग मक्खियों के आतंक से परेशान हैं। इसकी वजह से यहां रहने वाले कई लोगों के दांपत्य जीवन में गहरी दरार आ गई है। करीब 5 हजार से ज्यादा की आबादी मक्खियों से परेशान है। इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। यहां रहने वाले लोगों का खाना पीना, नहाना, धोना और यहां तक कि रात में सोना तक दुश्वार हो गया है। जैसे ही लोग सोने की कोशिश करते हैं, मक्खियां उनके पास भिन्न-भिन्न करने लगती हैं, जिससे लोगों की नींद टूट जाती है। घर की छतों तक पर मक्खियों ने अपना कब्जा जमा लिया है। ग्रामीणों ने मक्खियों की समस्या से निजात पाने के लिए धरना प्रदर्शन से लेकर कई जगह शिकायत की। मगर, कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई। स्थानीय प्रशासन प्रदूषण विभाग की जिम्मेदारी बताकर इससे अपना पल्ला झाड़ लेता है।
मामला अहिरोरी विकासखंड से जुड़ा है। यहां पर कुइया ग्राम सभा में वर्ष 2014 में भारत सरकार की वित्त पोषित कुक्कुट योजना के अंतर्गत सागवान पोल्ट्री फार्म की स्थापना हुई थी। यहां साल 2017 से उत्पादन शुरू हो गया। मौजूदा समय में यहां पर प्रतिदिन डेढ़ लाख मुर्गी के अंडों का उत्पादन होता है।
जैसे-जैसे पोल्ट्री फार्म की उत्पादन क्षमता बढ़ी, ग्रामीणों की समस्या भी बढ़ती चली गई। पोल्ट्री फार्म से 300 मीटर दूर बढ़ईनपुरवा गांव के ग्रामीण मक्खियों से बुरी तरह परेशान हैं। गांव के रहने वाले श्रवण कुमार वर्मा के नेतृत्व में यहां दस दिन से ग्रामीण टेंट लगाकर धरना दे रहे हैं।
मक्खियों के आतंक से परेशान 5 हजार की आबादी
श्रवण कुमार वर्मा के मुताबिक, पिछले साल गांव में सात शादियां हुईं। जिनमें 4 लड़कियां और 3 लड़कों की शादी हुई थी। इस बार के शादी के सीजन में गांव में एक भी शादी अब तक नहीं हुई। न ही किसी की शादी को लेकर बात चल रही है। श्रवण का कहना है कि मक्खियों के प्रकोप के चलते यहां कोई भी अपनी बेटी की शादी करने के लिए तैयार नहीं है। श्रवण कहते हैं कि इलाके के बढ़ईनपुरवा गांव, डही, झाला पुरवा, नया गांव, देवरिया और एकघरा गांव में मक्खियों का आतंक सबसे ज्यादा है। इसकी वजह इन गांवों में कोई भी अपनी लड़की की शादी करने के लिए तैयार नहीं है।
पत्नियां चली गईं थी मायके, अब कोई भी लौटने को तैयार नहीं
इसके अलावा गांव के रहने वाले शरद की पत्नी मक्खियों से परेशान होकर अपने मायके चली गई थी। अब वह इन मक्खियों की वजह से ससुराल लौटने के लिए तैयार नहीं है। इसकी वजह से दोनों का रिश्ता टूटने की कगार पर है। यहां रहने वाले मुंगालाल की पत्नी शिवानी भी मक्खियों से परेशान होकर गांव में रहने को तैयार नहीं है।
शिवानी के मुताबिक, गांव में मक्खियों का प्रकोप इतना है कि जीना हराम हो गया है। श्रवण कुमार वर्मा ने बताया कि गांव के रहने वाले आजाद और विजय की पत्नी भी मायके जाने के बाद ससुराल आने के लिए तैयार नहीं हैं। गांव के रहने वाले शीलू की पत्नी भी जब से मायके गई है, तब से लौटकर गांव में नहीं आई है।
पोल्ट्री फार्म के पास बना लिए लोगों ने घर
पोल्ट्री फॉर्म के मालिक दलवीर सिंह ने बताया जब उन्होंने फॉर्म की स्थापना की थी, तो प्रदूषण विभाग से एनओसी ली थी। आबादी से दूर इस पोल्ट्री फॉर्म का निर्माण किया गया था। बाद में कुछ लोगों ने पोल्ट्री फार्म के पास सड़क पर घर बना लिए।
उन्होंने बताया कि मक्खियों को कंट्रोल करने की पूरी व्यवस्था की है। इसे लेकर कई बार जांच भी हुई है, लेकिन कोई कमी नहीं पाई गई। उनके मुताबिक जो रिश्ते टूटने की बात है उसकी और कोई दूसरी वजह हैं। मक्खियों को लेकर रिश्ते टूटने की वजह नहीं है। यह सब बातें बढ़ा-चढ़ाकर बताई जा रही हैं।