
कोलकाताः मंगलवार का दिन भगवान श्री राम के परम भक्त हनुमान जी को समर्पित है। माता सीता ने हनुमान जी को वरदान दिया था कि वे अजर-अमर हैं। कहते हैं हनुमान जी बहुत ही जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं, और अपने भक्तों की रक्षा करते हैं। इतना ही नहीं, ऐसा भी कहा जाता है कि जहां राम नाम की धुन होती है, वहां हनुमान जी किसी न किसी रूप में अवश्य प्रकट होते हैं। धार्मिक ग्रंथों में जिक्र मिलता है कि जो व्यक्ति नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करता है, जीवन में उसे किसी भी दुख-दर्द और संकट का सामना नहीं करना पड़ता। वहीं, हनुमान चालीसा में वर्णित कई ऐसा दोहे हैं, जिनका नियमित सुमिरन से कई फायदे होते हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
हनुमान चालीसा दोहा
बुद्धिहीन तनु जानि के, सुमिरौ पवन कुमार,
बल बुद्धि विद्या देहु मोहि हरहुं कलेश विकार !!
कहते हैं कि हनुमान चालीसा में दिए गए इस दोहा का नियमित रूप से जाप करने पर व्यक्ति के समस्त दुख और क्लेश का नाश होता है। जबकि भगवान हनुमान भक्तों को बल, बुद्दि और विद्या देते हैं।
भूत पिसाच निकट नहीं आवे,
महावीर जब नाम सुनावे!!
मान्यता है कि नियमित इस दोहे का 108 बार जाप करने पर बुरी शक्तियां दूर रहती हैं और जीवन में सकरात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
नासे रोग हरे सब पीड़ा,
जपत निरंतर हनुमत बीड़ा!!
स्फटिक माला जाप से इस दोहे का एक माला जाप व्यक्ति को बड़ी से बड़ी बीमारी से मुक्ति दिलाता है। वहीं, हनुमान जी के सामने घड़े हो कर इस दोहे का जाप करने से सेहत से संबंधित सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं।
अष्ट सिद्धि नव निधि के दाता,
अस बर दीन जानकी माता !!
बता दें कि माता जानकी की कृपा से बजरंबली अष्ट सिद्धि और नव निधि के दाता हैं। अतः रोजाना ब्रह्म बेला में इस दोहे का एक माला जाप करने से बजरंगबली अष्ट सिद्धि और नव निधि का वरदान प्रदान देते हैं।
विद्यावान गुनी अति चातुर,
राम काज करिबे को आतुर!!
इस दोहे का जाप करने से विद्या, बुद्धि और धन की प्राप्ति होती है। धार्मिक ग्रंथों में कहा गया है कि जहां बुद्धि होती है वहीं धन ठहरता है।