कोलकाता : गुरुवार का दिन भगवान विष्णु के साथ ही गुरु यानी बृहस्पति ग्रह का भी दिन है और इस दिन इन दोनों की सच्चे मन से पूजा-अर्चना करने वाले जातक को उच्च शिक्षा, धन, सुख समृद्धि आदि की प्राप्ति होती है। ऐसी मान्यता है कि गुरुवार के दिन भगवान विष्णु और बृहस्पति देव की पूजा करने से व्यक्ति को किसी भी तरह के संकट या कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ता और सभी प्रकार के रोगों से भी मुक्ति मिल जाती है।
गुरुवार को जरूर करें ये 5 काम
भगवान विष्णु के साथ बृहस्पति देव को भी पीला रंग बेहद प्रिय है और पीले रंग को संपन्नता का प्रतीक माना जाता है इसलिए गुरुवार के दिन पूजा के दौरान पीली चीजों का ही उपयोग करना चाहिए। इसके अलावा भी पूजा के दौरान अगर आप इन 5 बातों का ध्यान रखें तो भगवान श्रीहरि का विशेष आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं :
1. गुरुवार के दिन नहाने के पानी में चुटकी भर हल्दी डालकर स्नान करें। ऐसा करने से गुरु ग्रह से जुड़े सभी तरह के दोष दूर हो जाते हैं।
2. गुरुवार के दिन खास तौर पर पीला वस्त्र ही धारण करें। ऐसा करने से भाग्योदय के अवसर प्राप्त होते हैं। साथ ही गुरुवार के दिन भूलकर भी लाल या काले कपड़े न पहनें।
3. गुरुवार के दिन अपने परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर सत्यनारायण की कथा का पाठ करना भी विशेष फलदायी माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन सत्यनारायण भगवान की कथा सुनने से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।
4. अगर आप गुरुवार का व्रत रखते हैं तो ऐसी चीजों को न खाएं जिनका इस्तेमाल आप पूजा में करते हैं। विशेष कर चूंकि इस दिन केले के पेड़ की पूजा की जाती है इसलिए इस दिन केले का फल नहीं खाना चाहिए।
5. भगवान विष्णु और बृहस्पति देव की पूजा के बाद अपने सामर्थ अनुसार पीली चीजों का दान अवश्य करें। आप चाहें तो किसी गरीब या जरूरतमंद व्यक्ति को चने की दाल, हल्दी, पीली मिठाई, पीले रंग का फल दान करें। ऐसा करने से भी ईश्वर प्रसन्न होते हैं।
विष्णु चालीसा का पाठ
गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा और आरती के बाद आप विष्णु चालीसा का पाठ भी अवश्य करें। इससे विष्णु भगवान प्रसन्न होते हैं और सभी दुख-दर्द दूर हो जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि भगवान विष्णु बहुत जल्दी किसी से प्रसन्न नहीं होते लेकिन इस दिन अगर कोई भक्त सच्चे मन से श्रीहरि की पूजा करे तो उसकी सभी मनोकामनाएं जरूर पूरी होती हैं।
आज गुरुवार को करें विष्णु चालीसा का पाठ, नारायण दूर करेंगे हर संकट
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