व्यस्त व भागदौड़ भरी जिंदगी में थक जाना व थकावट आम बात है। ऐसी स्थिति में मसाज अर्थात मालिश लाभ पहुंचाती है एवं थकावट दूर कर शरीर में चुस्ती फुर्ती भर देती है। इस मसाज से सभी भारतीय बाल्यकाल से परिचित होते हैं। शैशवकाल से मसाज की शुरुआत हो जाती है। यह मसाज तब शरीर की मजबूती एवं विकास में मददगार होती है। इससे हड्डियां एवं मांसपेशियां मजबूत हो जाती हैं। इसका लाभ जीवनपर्यंत पाया जा सकता है। सभी व्यक्ति अपने शरीर की मसाज स्वयं कर सकते हैं। हमें अपने हाथ पैर की मालिश खुद करनी चाहिए। इससे जकड़न दूर होती है। मसाज से विषाक्त तत्व शरीर से बाहर निकल जाते हैं। लिवर समेत समस्त शरीरांग की सक्रियता बढ़ती है। शरीर व मस्तिष्क दोनों को फायदा मिलता है। इससे दर्द दूर होता है व रक्तप्रवाह सुचारु रूप से होता है।
स्तन की सभी गांठें कैंसर नहीं होतीं
शरीर के विभिन्न भागों में होने वाला कैंसर समय पर उपचार नहीं कराने की स्थिति में जानलेवा सिद्ध हो सकता है। महिलाओं को गर्भाशय एवं स्तन में कैंसर अधिक होता है। पुरुषों को भी स्तन कैंसर हो सकता है। पुरुष हो या स्त्री, स्तन में गांठें मिलने पर या दिखने पर समुचित जांच एवं उपचार करा लेना उचित होता है। गांठों के दिखने पर भी भयभीत कदापि न हों क्योंकि प्रथम स्टेज में पता चल जाने पर इसका उचित इलाज हो जाता है। भयभीत इसलिए भी न हों क्योंकि स्तन की हर गांठ कैंसर नहीं होती। चिकित्सक के मार्गदर्शन में सोनोग्राफी, मेमोग्राफी तथा बायोप्सी जांच करा लेनी चाहिए। यही जांच व निष्कर्ष देख गांठ की स्थिति के बारे में चिकित्सक यथोचित निर्णय लेते हैं। स्तन में गांठ दिखने पर देरी किए बिना एलर्ट हो चिकित्सक से मिल लेना चाहिए।
मसाज से मिले चुस्ती-फुर्ती
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