पटना : जदयू से निकाले जाने के बाद पहली बार पटना पहुंचे चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (पीके) ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ उनके गठबंधन को लेकर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि सिर्फ सीट के लिए नीतीश सरकार ने भाजपा से गठबंधन किया है। लेकिन, जीत के लिए भाजपा का साथ जरूरी नहीं है। उन्होंने नीतीश पर तंज कसते हुए कहा कि पिछलग्गू बिहार नहीं बदल सकते।
‘सबसे पिछड़ा राज्य है बिहार’
किशोर ने कहा, ‘इस देश में बिहार सबसे पिछड़ा राज्य है। सबसे गरीब लोग इसी राज्य में ही हैं। आज भी बिहार के लोग बाहर जाते हैं। ऐसा क्यों? साल 2005 से 2015 तक राज्य के हालातों में खासा फर्क नहीं दिखा है। यहां प्रति व्यक्ति आय नहीं बढ़ी है। मुख्यमंत्री नीतीश ने राज्य में शिक्षा पर भी कुछ नहीं किया। लोग बिजली का उपभोग तो नहीं कर सकते। वे बिहार को विशेष राज्य का दर्जा क्यों नहीं दिलाते?’
‘गांधी-गोडसे साथ नहीं चल सकते‘
प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीके ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुझे बेटे की तरह रखा। उन्होंने मुझे दल से निकाला है तो उनके सभी निर्णयों का मैं दिल से स्वागत करता हूं। मुझे दल में रखना है या नहीं, यह उनका विशेषाधिकार है। उनके इस फैसले का मैं सम्मान करता हूं। हालांकि, दो बातों पर मेरा नीतीश कुमार से खास मतभेद रहा है। मुख्यमंत्री कहते हैं कि वे गांधी, लोहिया और जेपी (जय प्रकाश) की विचारधारा को मानते हैं। ऐसे में वे गोडसे की विचारधारा का साथ कैसे दे सकते हैं? गांधी-गोडसे साथ नहीं चल सकते।
क्या भाजपा के साथ गठबंधन है फायदेमंद?
दूसरी बात, किसी अन्य पार्टी का नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए ऐसी बात कैसे कह सकता है कि वो नीतीश के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ेंगे। बिहार के नेता नीतीश कुमार कोई मैनेजर नहीं हैं। भाजपा और जदयू का संबंध काफी समय से है लेकिन आज स्थितियों में पहले से काफी अंतर है। क्या आज इस गठबंधन से बिहार का विकास हो रहा है? हमारा नेता स्वतंत्र विचार रखने वाला होना चाहिए, किसी का पिछलग्गू नहीं। प्रशांत किशोर ने बिहार में जनता दल यूनाइटेड (जदयू) की स्थिति पर सवाल उठाते हुए एक नया कैंपेन शुरू करने की बात भी कही जिसमें वे बिहार के 10 लाख युवाओं को जोड़ेंगे। वहीं, जदयू ने प्रशांत किशोर पर पलटवार करते हुए कहा कि पीके को सिर्फ पैसा चाहिए।