कोलकाता: इंदिरा एकादशी पर व्रत कथा का पाठ जरूर करना चाहिए। हिंदू धर्म में एकादशी व्रत को अति पुण्यकारी माना गया है। हर माह दो एकादशी तिथियां आती हैं। एक कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में। इस तरह से साल भर में कुल 24 एकादशी आती हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी को इंदिरा एकादशी कहते हैं। इसे एकादशी श्राद्ध भी कहा जाता है। मान्यता है कि एकादशी व्रत रखने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा बनी रहती है।
भगवान विष्णु को समर्पित है एकादशी तिथि-
हिंदू धर्म में एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित मानी गई है। ऐसे में इस दिन भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करनी चाहिए। मान्यता है कि इस दिन व्रत कथा का पाठ अवश्य करना चाहिए। ऐसा करने से पूजा का फल अतिशीघ्र प्राप्त होने की मान्यता है।
शुभ मुहूर्त-
हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 20 सितंबर, मंगलवार को रात 09 बजकर 26 मिनट पर शुरू होगी। इस तिथि का समापन 21 सितंबर, बुधवार को रात 11 बजकर 34 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार, इंदिरा एकादशी व्रत 21 सितंबर, बुधवार को रखा जाएगा।
व्रत पारण टाइमिंग-
एकादशी व्रत पारण का समय 22 सितंबर को सुबह 06 बजकर 09 मिनट से 08 बजकर 35 मिनट तक रहेगा।
इंदिरा एकादशी पूजा- विधि-
सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं।
घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें।
भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें।
अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें।
भगवान की आरती करें।
भगवान को भोग लगाएं। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है। भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को जरूर शामिल करें। ऐसा माना जाता है कि बिना तुलसी के भगवान विष्णु भोग ग्रहण नहीं करते हैं।
इस पावन दिन भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा भी करें।
इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें।