
मुंगेरः जिले में पंचायत चुनाव जीतने के बाद नक्सलियों को पार्टी नहीं देना नवनिर्वाचित मुखिया के लिए जानलेवा साबित हुआ. नक्सलियों ने मुखिया परमानंद टुड्डू की गला रेतकर हत्या कर दी। इस घटना के बाद ग्रामीणों में काफी आक्रोश है। हालांकि, ग्रामीण दहशत की वजह से चुप हैं। परमानंद टुड्डू ने अभी मुखिया पद की शपथ भी नहीं ली थी। वारदात जिले के लडैयां टांड थाना इलाके के पहाड़ों से घिरे आजिमगंज पंचायत के मथुरा गांव में हुई है, जहां नक्सलियों ने बीती रात मुखिया परमानंद टुड्डू की शपथ ग्रहण से पहले हत्या कर दी। हत्या के पीछे चुनाव जीतने के बाद मुखिया की ओर से खर्च नहीं किया जाना बताया जा रहा है। मुखिया के बेटे अभिषेक ने पुलिस को बताया कि देर रात आधा दर्जन की संख्या में नक्सली घर में घुसे। उन्होंने पहले पापा को उठाया और उनसे खींचातानी करने लगे। नक्सलियों ने कहा, ‘चुनाव जीते हो, खस्सी खिलाओ…’ पापा अभी कुछ बोलते कि उससे पहले उन्हें घसीटते हुए बाहर लेकर गए और गला रेतकर हत्या कर दी। बेटे ने रोते हुए कहा कि उनके पिता 31 दिसंबर को मुखिया पद की शपथ लेने वाले थे, लेकिन उसके पहले ही नक्सलियों ने उनकी हत्या कर दी।हमारा पूरा परिवार इस घटना से दहशत में है।
ग्रामीणों का बयान कुछ और…
ग्रामीणों का कहना है कि कि नक्सलियों ने गांव वालों से दूसरे मुखिया का समर्थन करने की अपील की थी, लेकिन लोगों ने परमानंद टुड्डू के सामाजिक सरोकार और विन्रमता को देखते हुए उन्हें चुनाव में वोट दिया, जिसके बाद नक्सली गुस्से में आकर परमानंद की हत्या कर दी। हालांकि, ये भी बताया जा रहा है कि खस्सी के मांस वाली बात सही है। परमानंद ने नक्सलियों को खिलाने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद परमानंद की हत्या हुई।