
कोलकाता : गुरुवार का दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है । मान्यता है कि जो भी व्यक्ति गुरुवार को भगवान विष्णु की आराधना करता है उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और उसके जीवन में आ रही परेशानियों से मुक्ति मिलती है। लेकिन क्या आप जानते हैं की गुरुवार का व्रत करने से विष्णु जी ही प्रसन्न नहीं होते हैं बल्कि माता लक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं। यह व्रत कोई भी व्यक्ति कर सकता है और उसका लाभ ले सकता है। खास तौर पर कुंवारे लड़के और लड़कियां इस व्रत को अच्छा जीवनसाथी पाने के लिए करते हैं। आइये जानते हैं किस प्रकार करे भगवान विष्णु की पूजा ताकि माता लक्ष्मी भी प्रसन्न हों।
गुरुवार व्रत की विधि
- गुरुवार के दिन प्रातः काल स्नान करके साफ पीले रंग के वस्त्र धारण करें।
- पूजा कक्ष में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें और भगवान विष्णु की पूजा का संकल्प लें।
- दूध, दही, घी, शहद और चीनी से पंचामृत बना लें। प्रतिमा स्थापना के बाद गंगाजल से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का अभिषेक करें।
- अब भगवान विष्णु के मन्त्र ओम भगवते वासुदेवाय नमः का जप करते हुए अक्षत, चंदन, रोली, धूप, दीप, गंध, पीले फूल, केला और पीली मिठाई अर्पित करें, साथ ही गुड़ का भोग लगाएं।
- माता लक्ष्मी को भी पुष्प, अक्षत, धूप, दीप, फल, सुपारी आदि अर्पित करें।
- अंत में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आरती करें।
- इसके बाद केले के पौधे की पूजा करें और घी का दीपक जलाएं।
- अब गाय को केला और चारा खिलाएं।
- पूजा खत्म होने के बाद सभी लोगों में प्रसाद का वितरण करें।
इस प्रकार पूजा करने से आप न सिर्फ भगवान विष्णु की कृपा के पात्र बनेंगे बल्कि माता लक्ष्मी की भी कृपा आप पर बनी रहेगी।
व्रत के फायदे
ऐसा माना जाता है कि सच्चे मन और श्रद्धाभाव से जो भी इस व्रत को करने के बाद गुरुवार को इसका उद्यापन करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती है।
गुरुवार का व्रत करने से आप न सिर्फ भगवान विष्णु की कृपा के पात्र बनेंगे बल्कि इस व्रत से आप माता लक्ष्मी की कृपा भी प्राप्त कर पायेंगे। माता लक्ष्मी आपसे प्रसन्न होंगी तो आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी साथ ही जीवन में कभी धन-धान्य की कमी नहीं होगी