मुर्शिदाबाद और अलीपुरदुआर के युवाओं को जोड़ रहे थे संगठन से
अभियुक्तों से पूछताछ करने असम गयी बंगाल एसटीएफ की टीम
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : भारत को रक्तरंजित करने की साजिश बांग्लादेश के प्रतिबंधित आतंकी संगठन अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) ने रची थी। बुधवार को राज्य और असम पुलिस के संयुक्त अभियान में मुर्शिदाबाद से बांग्लादेश के इस उग्रवादी संगठन के दो सदस्यों को पकड़ा गया था। पूछताछ के दौरान गिरफ्तार लोगों ने बताया कि उनका निशाना ‘सिलीगुड़ी चिकन नेक कॉरिडोर’ था। अल कायदा के छाया संगठन एबीटी ने भौगोलिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इस क्षेत्र पर हमला बोलकर पूरे भारत में आतंक फैलाने की योजना बनाई है। शेख हसीना सरकार के पतन के बाद से एबीटी बांग्लादेश में काफी सक्रिय हो गया है। अब राज्य पुलिस ने उसकी साजिश का पर्दाफाश कर दिया। गिरफ्तार मिनारुल शेख और अब्बास अली मुर्शिदाबाद के अलावा अलीपुरदुआर के युवाओं को संगठन से जोड़ने का काम कर रहे थे। बंगाल एसटीएफ के एक अधिकारी ने बताया कि अंसारुल्लाह बांग्ला टीम पूरे भारत में स्लीपर सेल बनाने की योजना बना रही है। आतंकवादी युवा पीढ़ी का ब्रेनवॉश कर जिहाद का जहर फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। उनके निशाने पर सिलीगुड़ी कॉरिडोर है।
सिलीगुड़ी कॉरिडोर या चिकन नेक इतना महत्वपूर्ण क्यों है?
सिलीगुड़ी शहर में स्थित इस गलियारे का भौगोलिक महत्व बहुत अधिक है। इसका सबसे संकरा भाग लगभग 20 किमी चौड़ा है। सिलीगुड़ी कॉरिडोर की सीमा तीन देशों नेपाल, भूटान और बांग्लादेश से लगती है। यही नहीं इस शहर से उत्तर पूर्व के सेवेन सिस्टर कहे जाने वाले 7 राज्यों में जाने का रास्ता भी है। भूमि की यह संकीर्ण पट्टी सात पूर्वोत्तर राज्यों को भारत की मुख्य भूमि से जोड़ती है। जिसकी तुलना मुर्गे की गर्दन से की जा सकती है। अंसारुल्लाह बांग्ला टीम ने समरशास्त्र के फार्मूले पर चलकर भारत जैसे महाशक्ति देश को कमजोर करने के लिए इस सिलीगुड़ी कॉरिडोर पर विहंगम दृष्टि डाली है। आतंकियों ने तीन देशों की सीमाओं को एक जगह मिलाकर भारत में हथियार, ड्रग्स और नकली नोटों की तस्करी करने की योजना बनाई थी। इसके अलावा, वे आतंकवादियों के लिए सीमा की खामियों के माध्यम से देश में प्रवेश करने का रास्ता बनाने की भी योजना बना रहे हैं।
भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने की थी योजना
मॉड्यूल की गतिविधियों में हथियारों और गोला-बारूद की खरीद भी शामिल थी, जो यह दर्शाता है कि इसका उद्देश्य भारतीय राज्य के खिलाफ युद्ध छेड़ना था। साक्ष्य बताते हैं कि यह मॉड्यूल राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता को कमजोर करने के लिए कट्टरपंथी समूहों की क्षमताओं को मजबूत करने की कोशिश कर रहा था। एसटीएफ मॉड्यूल के नेटवर्क की जांच जारी रखे हुए है, ताकि और भी कनेक्शन और सहयोगियों का पता लगाया जा सके और इस आतंकवादी नेटवर्क को पूरी तरह नष्ट किया जा सके। बंगाल एसटीएफ की यह कार्रवाई बंगाल और राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा करने और साम्प्रदायिक सौहार्द बनाए रखने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। एसटीएफ सूत्रों के अनुसार देश को दहलाने के लिए आतंकियों ने हथियार और गोला बारूद जुगाड़ने का काम भी चालू कर दिया था।