
रांची : झारखंड उच्च न्यायालय ने कहा है कि राज्य में कई पर्यटन स्थलों के जीर्णोद्धार और विकास की आवश्यकता है।
मुख्य न्यायाधीश रवि रंजन और न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद के खंडपीठ ने शुक्रवार को एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य के पर्यटन सचिव और पर्यटन निदेशक को सुनवाई की अगली तिथि पर मौजूद रहने के निर्देश दिये। मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी। पीठ ने कहा कि झारखंड में कई पर्यटन स्थल हैं और उन स्थानों पर बुनियादी ढांचे के विकास की जरूरत है। अदालत ने कहा कि मलूटी मंदिर, नेतरहाट, देवघर, पतरातू बांध, हुंडरू फॉल्स जैसे दर्शनीय पर्यटन स्थलों को आधुनिक स्तर का बनाये जाने की जरूरत है।