
झारखंड : एक नक्सली जो पिछले 6 साल से फरार चल रहा था। पुलिस उसकी तलाश में इधर-उधर भटक रही थी। वो नक्सली कोरोना के डर से पकड़ा गया। सुनने में ये कोई मनगढ़ंत कहानी लगती है, लेकिन ये असली कहानी है। ये मामला झारखंड के चतरा का है, जहां भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़ा एक नक्सली पिछले 6 साल से फरार चल रहा था, लेकिन कोरोना की वजह से पुलिस की गिरफ्त में आ गया। नक्सली का नाम मनीष यादव है। उसे कोरोना का डर सता रहा था। इसी डर की वजह से वो चतरा के सदर अस्पताल में कोरोना की जांच कराने आया, लेकिन पुलिस को उसके आने का पता लग गया। फिर क्या था, पुलिस ने मनीष को गिरफ्तार कर लिया।
फिल्मी स्टाइल में हुई मनीष की गिरफ्तारी
नक्सली मनीष के खिलाफ कुंदा थाना में मामला दर्ज है। पुलिस उसकी तलाश में थी। किसी तरह एसपी ऋषव झा को उसके आने की सूचना मिली। उन्होंने उसकी गिरफ्तारी के लिए एसडीओपी अविनाश कुमार को निर्देश दिए। इसके बाद अविनाश कुमार ने सदर थाना के एसआई शशि ठाकुर को नक्सली मनीष को पकडने का जिम्मा सौंपा। इसके बाद जैसे ही मनीष कोरोना की जांच कराने अस्पताल पहुंचा, उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
6 साल से चल रहा था फरार
एसडीओपी अविनाश कुमार ने बताया कि नक्सली मनीष ने 13 नवंबर 2015 को पुलिस पेट्रोलिंग पार्टी को नुकसान पहुंचाने के मकसद से विस्फोटक लगाया था। इस मामले में तीन लोगों को आरोपी बनाया गया था जिसमें मनीष यादव के अलावा रामप्रीत पासवान और रामस्वरूप पासवान का नाम शामिल था। रामप्रीत पासवान की मौत हो चुकी है, जबकि रामस्वरूप पासवान जेल में सजा काट रहा है। मनीष पिछले 6 साल से पुलिस की आंखों में धूल झोंक कर फरार चल रहा था। उसकी फरारी से तंग आकर पुलिस उसके घर पर कुर्की करने की कार्रवाई में जुटी थी। मनीष को अब गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।