आज होगी मां महागौरी की पूजा, जानें भोग, फूल, पूजा विधि व अन्य जरूरी बातें

कोलकाताः चैत्र नवरात्रि अब अंतिम पड़ाव पर हैं। आज यानी 8 अप्रैल 2022, शुक्रवार को मां दुर्गा के आठवें स्वरूप की पूजा की जाती है। नवरात्रि की अष्टमी तिथि को मां दुर्गा के मां महागौरी स्वरूप की उपासना की जाती है। मां महागौरी का रंग पूर्णता गोरा होने के कारण ही इन्हें महागौरी या श्वेताम्बरधरा भी कहा जाता है। मान्यता है कि मां महागौरी की पूजा करने से धन व सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

मां महागौरी का स्वरूप
इनका ऊपरी दाहिना हाथ अभय मुद्रा में रहता है और निचले हाथ में त्रिशूल है। ऊपर वाले बाएं हाथ में डमरू जबकि नीचे वाला हाथ शांत मुद्रा में है।
भोग
अष्टमी तिथि के दिन मां महागौरी को नारियल या नारियल से बनी चीजों का भोग लगाया जाता है।
मां महागौरी का प्रिय पुष्प-
मां का प्रिय पुष्प रात की रानी है। इनका राहु ग्रह पर आधिपत्य है, यही कारण है कि राहुदोष से मुक्ति पाने के लिए मां महागौरी की पूजा की जाती है।
मां महागौरी के लिए मंत्र
सर्वमङ्गल माङ्गल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोsस्तुते।।
स्तोत्र मंत्र
सर्वसंकट हंत्रीत्वंहिधन ऐश्वर्य प्रदायनीम्।
ज्ञानदाचतुर्वेदमयी,महागौरीप्रणमाम्यहम्॥
सुख शांति दात्री, धन धान्य प्रदायनीम्।
पूजा विधि
  • सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ- स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • मां की प्रतिमा को गंगाजल या शुद्ध जल से स्नान कराएं। मां को सफेद रंग के वस्त्र अर्पित करें।
  • धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां को सफेद रंग पसंद है।
  • मां को स्नान कराने के बाद सफेद पुष्प अर्पित करें।मां को रोली कुमकुम लगाएं।
  • मां को मिष्ठान, पंच मेवा, फल अर्पित करें।
  • मां महागौरी को काले चने का भोग अवश्य लगाएं।
  • मां महागौरी का अधिक से अधिक ध्यान करें।
  • मां की आरती भी करें।
  • अष्टमी के दिन कन्या पूजन का भी विशेष महत्व होता है।
  • इस दिन कन्या पूजन भी करें।

 

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