कोलकाता: हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर करवा चौथ का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की कामना के लिए रखती हैं। इस साल 13 अक्टूबर, गुरुवार को करवा चौथ का व्रत रखा जाएगा। हिंदू धर्म में करवा चौथ का बहुत अधिक महत्व होता है। करवा चौथ में निर्जला व्रत रखा जाता है। शाम को चंद्रमा की पूजा करने के बाद व्रत खोला जाता है। आइए जानते हैं करवा चौथ पूजा- विधि, चांद निकलने का समय और शुभ मुहूर्त-
मुहूर्त-चतुर्थी तिथि प्रारम्भ – अक्टूबर 13, 2022 को 01:59 ए एम बजेचतुर्थी तिथि समाप्त – अक्टूबर 14, 2022 को 03:08 ए एम बजेकरवा चौथ पूजा मुहूर्त – 05:54 पी एम से 07:09 पी एमअवधि – 01 घण्टा 15 मिनट्सकरवा चौथ व्रत समय – 06:20 ए एम से 08:09 पी एम
अवधि – 13 घण्टे 49 मिनट्सकरवा चौथ के दिन चन्द्रोदय- 08:09 पी एम
पूजा- विधि
सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें। स्नान करने के बाद मंदिर की साफ- सफाई कर ज्योत जलाएं। देवी- देवताओं की पूजा- अर्चना करें।
निर्जला व्रत का संकल्प लें । इस पावन दिन शिव परिवार की पूजा- अर्चना की जाती है। सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा करें। किसी भी शुभ कार्य से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है।माता पार्वती, भगवान शिव और भगवान कार्तिकेय की पूजा करें।करवा चौथ के व्रत में चंद्रमा की पूजा की जाती है।चंद्र दर्शन के बाद पति को छलनी से देखें।इसके बाद पति द्वारा पत्नी को पानी पिलाकर व्रत तोड़ा जाता है।
पूजा सामग्री
चंदन, शहद, अगरबत्ती, पुष्प, कच्चा दूध, शक्कर, शुद्ध घी, दही, मिठाई, गंगाजल, अक्षत (चावल), सिंदूर, मेहंदी, महावर, कंघा, बिंदी, चुनरी, चूड़ी, बिछुआ, मिट्टी का टोंटीदार करवा व ढक्कन, दीपक, रुई, कपूर, गेहूं, शक्कर का बूरा, हल्दी, जल का लोटा, गौरी बनाने के लिए पीली मिट्टी, लकड़ी का आसन, चलनी, आठ पूरियों की अठावरी, हलुआ और दक्षिणा (दान) के लिए पैसे आदि।