कोलकाताः कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन कार्तिक पूर्णिमा मनाई जाती है। इस साल कार्तिक पूर्णिमा 8 नवंबर को यानी आज है। मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में स्नान व दान करने से सुख सौभाग्य की प्राप्ति होती है। कार्तिक महीने की पूर्णिमा को साल की सभी पूर्णिमाओं में सबसे पवित्र माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर राक्षस का वध किया था। इसलिए इसे त्रिपुरी या त्रिपुरारी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। ये दिन मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु को भी समर्पित है। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा करने पर इनका आशीर्वाद प्राप्त होता है और व्यक्ति को कभी भी आर्थिक तंगी नहीं झेलनी पड़ती है। इसी कड़ी में चलिए जानते हैं पूर्णिमा की पूजा विधि और महत्व…
कार्तिक पूर्णिमा शुभ मुहूर्त पंचांग के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 07 नवंबर की शाम 04 बजकर 15 मिनट से हो रही है। वहीं इस तिथि का समापन 08 नवंबर की शाम 04 बजकर 31 मिनट पर होगा। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा इस बार 08 नवंबर को ही मनाई जाएगी।
पूजा विधि
- कार्तिक पूर्णिमा के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें।
- इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने का बहुत अधिक महत्व होता है।
- यदि आप पवित्र नदी में स्नान नहीं कर पा रहे हैं तो नहाने के पानी में गंगा जल डालकर स्नान भी कर सकते हैं।
- नहाने के बाद घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
- सभी देवी-देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें।
- इस दिन विष्णु भगवान के साथ माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करें।
- भगवान विष्णु को भोग लगाएं।
- भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को भी शामिल करें।
- भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आरती करें।
- पूर्णिमा पर चंद्रमा की पूजा का भी विशेष महत्व होता है।
- ऐसे में चंद्रोदय होने के बाद चंद्रमा की पूजा अवश्य करें।
पूर्णिमा स्नान व दान का महत्व
कार्तिक पूर्णिमा के दिन कुशा स्नान व दान करने का विशेष महत्व माना जाता है। इस दिन गरीब व जरुरतमंद लोगों की मदद करें, दान करें, मौसमी फल, उड़द की काली दाल, चावल आदि भी दान किए जा सकते हैं। किसी भूखे को भोजन करवाना भी इस दिन श्रेष्ठ रहता है।