कानपुर : एक तरफ जहां कोरोना महामारी का खौफ है, वहीं दूसरी तरफ चरमराई हुई स्वास्थ्य व्यवस्था है। इन सबके बीच कुछ और चौंकाने वाले मामले सामने आ रहे हैं। उत्तर प्रदेश के कानपुर से एक ऐसा ही मामला सामने आया है। कानपुर में कुछ डॉक्टरों ने मरीज भर्ती करने की रिक्वेस्ट कर रहे परिजनों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा है। दरअसल, यह मामला कानपुर के हैलट अस्पताल का है। हैलट अस्पताल के जूनियर डाक्टरों ने शनिवार को मरीज भर्ती कराने पहुंचे परिजनों को दौड़ा-दौड़ाकर मारा। इतना ही नहीं, जूनियर डॉक्टरों ने मरीज के परिजनों के मोबाइल तक छीन लिए और बगैर भर्ती किए भगा दिया। परिजनों का कसूर सिर्फ इतना था कि वे स्ट्रेचर पर तड़प रहे अपने मरीज को भर्ती करने के लिए डॉक्टरों से आग्रह कर रहे थे। मौके पर मौजूद लोगों ने यह घटना अपने मोबाइल में रिकॉर्ड किया था जिसे डॉक्टरों ने डिलीट भी करा दिया। हालांकि कुछ लोगों के फोन में ये रिकॉर्डिंग रह गई थी जो अब वायरल हो रही है। इस मामले पर जब एम्बुलेंस ड्राइवरों से बात की गई तो उन्होंने भी डॉक्टरों की गुंडई की सच्चाई बताई। हैरानी इस बात की है कि जब कोरोना मरीज के इलाज के समय ये कोरोना प्रोटोकॉल समझाकर परिजनों को दूर से भगा रहे थे। फिर यही लोग कैसे सारे प्रोटोकॉल भूलकर मरीज के करीब भी पहुंच गए और परिजनों को पीटने भी लगे। चश्मदीद एम्बुलेंस ड्राइवर अजय ने बताया कि मोबाइल छीन लिए थे, मरीज स्ट्रेचर पर था। मरीज को भर्ती कराने को लेकर कुछ विवाद हुआ था। इस मामले पर जब हैलट के प्रशासन से बात की गई तो किसी डॉक्टर ने बात नहीं की। इस मामले पर जिला प्रशासन भी कुछ भी बोलने से कतरा रहा है।
मरीज तड़पता रहा, भर्ती कराने गए परिजनों को डॉक्टर कैमरे के सामने ही पीटते रहे
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