
नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने जेट एयरवेज के पूर्व चेयरमैन नरेश गोयल को विदेश जाने की अनुमति देने के लिए गारंटी के तौर 18,000 करोड़ रुपए जमा कराने को कहा था। अदालत के इस निर्देश के बाद गुरुवार को दिवालिया जेट एयरवेज के फाउंडर गोयल ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका वापस लेने की अर्जी लगाई है इससे यह साबित हो गया कि वह अब विदेश नहीं जाना चाहते हैं। उनकी अर्जी पर शुक्रवार को सुनवाई हो सकती हैं। बता दें कि गोयल के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी है।
याचिका वापस लेने की वजह
गोयल ने याचिका वापस लेने के विषय में बताया कि 18,000 करोड़ रुपए के फ्रॉड के मामले में सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस (एसएफआईओ) जांच कर रहा है और वे इसके लिए पूरा सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यही वजह है कि वे विदेश जाने की इजाजत की मांग वाली याचिका वापस ले रहे हैं।
विमान से उतार लिया गया था
बता दें कि नरेश गोयल और उनकी पत्नी अनीता को 25 मई को मुंबई एयरपोर्ट पर विमान से उतार लिया गया था। वे दुबई होते हुए लंदन जाना चाहते थे इसलिए याचिका दायर की थी। जेट एयरवेज में वित्तीय अनियमितताएं पाये जाने की वजह से कॉरपोरेट अफेयर्स मिनिस्ट्री ने गोयल के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया था जिसके तहत याचिका लगाने के बाद गोयल को एसएफआईओ का समन मिल गया। गौरतलब है कि मंत्रालय ने एसएफआईओ को जांच के आदेश दिए थे।
एक समय सबसे बड़ी कंपनी थी
मालूम हो कि दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही जेट एयरवेज एक दौर में देश की सबसे बड़ी निजी एयरलाइन कंपनी थी। एयरलाइन व्यवसाय में आयी आर्थिक संकट की वजह से अप्रैल में जेट एयरलाइन का संचालन बंद हो गया था। बता दें कि नरेश और अनीता ने मार्च में लोन रीस्ट्रक्चरिंग प्लान काे तैयार किए जाने के लिए जेट के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया था। साथ ही गोयल ने चेयरमैन पद भी त्याग दिया था।