कोलकाता : जगन्नाथ मंदिर की बहुत मान्यताएं हैं। यही कारण है कि हर साल जगन्नाथ रथ यात्रा में ढेर सारे श्रद्धालु भगवान का आर्शीवाद लेने पहुंचते हैं। जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान लोग रथ को खींचते हैं। ऐसा क्यों किया जाता है और इसका क्या महत्व है, इस आर्टिकल में जानें। जगन्नाथ भगवान का रथ क्यों खींचा जाता है?
भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा का वर्णन स्कंद पुराण जैसी पौराणिक कथाओं में देखने के लिए मिलता है। कहा जाता है कि रथ यात्रा के दौरान जो भी रथ खींचता है, वो हमेशा खुश रहता है। इसी वजह से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को भगवान के रथ के आसपास देखा जाता है।
भगवान देते हैं आर्शिवाद
मान्यता है कि जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ मौसी के घर गुंडिचा जाते हैं। गुंडिचा के मंदिर को भगवान जगन्नाथ की मौसी के घर के रूप में देखा गया है। ऐसे में रथ यात्रा के दौरान जो भी श्रद्धालु रथ को खींचते हैं, वो भगवान को गुंडिचा पहुंचने में मदद करते हैं। जगन्नाथ भगवान के रथ की रस्सी को छूना शुभ इसलिए भी है क्योंकि खुद भगवान रथ के अंदर बसते हैं।
मिलती है सुख समृद्धि
जगन्नाथ भगवान का रथ खींचने से परिवार का वातावरण शांत होता है, दुख दूर होते हैं और सामाजिक-आर्थिक रूप में प्रतिष्ठा मिलती है। अगर आप भी जगन्नाथ रथ यात्रा में जाएं, तो रथ की रस्सी जरूर खींचे।
जगन्नाथ भगवान की रथ यात्रा का महत्व
जगन्नाथ रथ यात्रा के दिन सूर्य कर्क राशि में प्रवेश करता है। ज्योतिष में इस घटना को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। जगन्नाथ रथ यात्रा के समय ग्रहों की ऐसी चाल मानसून के मौसम के आगमन का प्रतीक मानी जाती है। यही कारण हैं जो जगन्नाथ यात्रा को खास बनाते हैं।