– अपने काम के लिए निजी संबंधों का इस्तेमाल करते हैं – सर्वे
नई दिल्ली : घूसखोरी के मामले में भारत ने पूरे एशिया में एक ऐसा रिकॉर्ड बनाया है जिससे हर भारतीय को शर्म महसूस होगी। भ्रष्टाचार के मामले में हमारा प्रदर्शन सबसे खराब है। ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की बुधवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में घूसखोरी की दर 39 फीसदी है।
बता दें कि एशिया में घूसखोरी के मामले में दूसरे नंबर पर कंबोडिया (37 फीसदी) और तीसरे पर इंडोनेशिया (30 फीसदी) है। वहीं चीन की बात करें तो वहां घूसखोरी की दर 28 फीसदी है। सबसे कम घूस देने वाले देश में मालदीव और जापान संयुक्त रूप से है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि रिश्वत देने वाले करीब 50 फीसदी लोगों से घूस मांगी गई थी। वहीं 32 फीसदी लोगों ने कहा कि अगर वे घूस नहीं देते तो उनका काम नहीं हो पाता। जनवरी में विश्व आर्थिक मंच पर दावोस में जारी ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल द्वारा जारी एक पूर्व रिपोर्ट में भारत को भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक में 180 देशों के बीच 80 वें स्थान पर रखा गया था।
पुलिस लेती है सबसे ज्यादा घूस
रिपोर्ट के मुताबिक, देश के ज्यादातर लोगों का मानना है कि पुलिस और स्थानीय अफसर रिश्वत लेने के मामले में सबसे आगे हैं। ये करीब 46 फीसदी है। इसके बाद देश के सांसद आते हैं जिनके बारे में 42 फीसदी लोगों ने ऐसी राय रखी है। वहीं, 41 प्रतिशत लोग मानते हैं कि रिश्वतखोरी के मामले में सरकारी कर्मचारी और कोर्ट में बैठे 20 फीसदी जज भ्रष्ट हैं।
भ्रष्टाचार का खुलासा करने से लगता है डर
इस सर्वे के मुताबिक, केवल 47% लोग मानते हैं कि पिछले 12 महीनों में भ्रष्टाचार बढ़ा है। 63 फीसदी लोगों की राय है कि सरकार भ्रष्टाचार से निपटने में अच्छा काम कर रही है। सर्वे के अनुसार, भारत में सरकारी सुविधाओं के लिए 46% लोग निजी कनेक्शंस का सहारा लेते हैं। रिपोर्ट कहती है कि रिश्वत देने वाले करीब आधे लोगों से घूस मांगी गई थी। वहीं, निजी कनेक्शंस का इस्तेमाल करने वालों में से 32% ने कहा कि अगर वे ऐसा नहीं करते तो उनका काम नहीं होता।
पड़ोसी देशों का कैसा है हाल
मालदीव और जापान में घूसखोरी की दर पूरे एशिया में सबसे कम हैं जहां केवल 2% लोग ही ऐसा करते हैं। दक्षिण कोरिया और जापान की स्थिति भी बेहतर है। ट्रांसपेरेंसी इंटरनैशनल के सर्वे में पाकिस्तान को शामिल नहीं किया गया। बांग्लादेश में घूसखोरी की दर भारत के मुकाबले काफी कम (24%) है जबकि श्रीलंका में यह 16% है।
सरकारी भ्रष्टाचार से सबसे ज्यादा परेशान हैं लोग
‘ग्लोबल करप्शन बैरोमीटर – एशिया’ के नाम से प्रकाशित अपनी सर्वे रिपोर्ट के लिए ट्रांसपेरेंसी इंटरनैशनल ने 17 देशों के 20,000 लोगों से सवाल पूछे। यह सर्वे जून और सितंबर के बीच हुआ। उनसे पिछले 12 महीनों में भ्रष्टाचार के अनुभवों की जानकारी मांगी गई। सर्वे में छह तरह की सरकारी सेवाएं शामिल गई थीं। रिपोर्ट के मुताबिक, हर चार में से तीन लोग मानते हैं कि उनके देश में सरकारी भ्रष्टाचार सबसे बड़ी समस्या है। हर तीन में से एक व्यक्ति अपने सांसदों को सबसे भ्रष्ट व्यक्ति के रूप में देखता है। मलेशिया, इंडोनेशिया और थाइलैंड में सेक्सुअल एक्सटॉर्शन के मुद्दे को भी रिपोर्ट में प्रमुखता से उठाया गया है।