अधिकतर व्यक्ति सोचते हैं कि कम मात्रा में वसा का सेवन और अधिक मात्र में कार्बोहाइड्रेट का सेवन एक अच्छी डाइट है तो उनका सोचना सही नहीं है। हाल ही में एक शोध से सामने आया है कि गलत कार्बोहाइड्रेट का सेवन हृदय रोगों की संभावना को अधिक करता है। हम कार्बोहाइड्रेट को दो भागों में बांटते हैं-सरल कार्बोहाइड्रेट और दूसरा जटिल कार्बोहाइड्रेट जैसे ब्लीच्ड राइस और तले हुए आलू के व्यंजन शरीर में जाकर अच्छे कोलेस्ट्रोल एच डी एल की मात्र को कम करते हैं जिसके कारण हृदय रोगों के होने की संभावना बढ़ती है, विशेषकर मोटे व्यक्तियों में। इसके अतिरिक्त जटिल कार्बोहाइड्रेट शरीर में जाकर ग्लूकोज व इंसुलिन की क्रमिक मात्रा उत्पादित करते हैं जो स्वस्थ होती है व हृदय रोगों से बचाव करती है। ये कार्बोहाइड्रेट नुकसानदायक नहीं होते। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार हमें जटिल कार्बोहाइड्रेट से 55 प्रतिशत कैलोरी मिलनी चाहिए। जटिल कार्बोहाइड्रेट से हमें रेशा, विटामिन और मिनरल भी अधिक मिलते हैं। जटिल कार्बोहाइड्रेट हमें बींस, दालों, अनाज, फलों व सब्जियों से मिलते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार कैलोरी की मात्रा पर ध्यान व शारीरिक श्रम और फलों व सब्जियों का सेवन भी एंटी आक्सीडेंट के रूप में कार्य करता है, दूसरी ओर शक्कर और मैदे से बनी वस्तुएं सरल कार्बोहाइड्रेट हैं, जो इनका प्रभाव घटाते हैं, इसलिए इनसे सावधान रहें।
कोलेस्ट्रोल की मात्रा घटाएं व हृदय रोगों से निजात पाएं
कोलोरेडो स्टेट यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञ व डायटिशियन ब्रेन्डा डेवी द्वारा किए गए शोध के अनुसार रेशायुक्त भोजन लेने से वसा पर तो नियंत्रण होता ही है साथ ही कोलेस्ट्रोल का स्तर भी कम होता है। अगर भोजन में अनाज व ओटमील का सेवन किया जाए तो स्वास्थ्य पर लाभकारी प्रभाव पड़ता है। डेवी ने अपने शोध में 50 वर्ष से 75 वर्ष की आयु के पुरुषों को नाश्ते में अनाज व दिन में स्नैक्स के रूप में अनाज उत्पाद दिया अथवा रेशों की 14 ग्राम मात्रा दी। फिर धीरे-धीरे इस मात्र को 30 ग्राम तक किया। 12 सप्ताह के इस शोध में डेवी ने पाया कि इन व्यक्तियों में 10 प्रतिशत वसा की मात्र में कमी आयी। कैलोरी की मात्रा में भी कमी आयी। हार्ट एसोसिएशन की दिशा-निर्देश के अनुसार हमें वसा से 30 प्रतिशत से अधिक कैलोरी नहीं मिलनी चाहिए। डेवी के अनुसार अगर आप अपने भोजन में परिवर्तन करना चाहते हैं तो रेशायुक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें जिससे आपके शरीर में वसा व कोलेस्ट्रोल की मात्र नियंत्रित रहे व आप हृदय रोगों से दूर रह सकें। रेशायुक्त पदार्थों में आप अनाज, बींस, फलों व सब्जियों का सेवन करें जिनमें रेशे के अतिरिक्त अन्य पोषक तत्व विटामिन व मिनरल भी मिलते हैं।