
सन्मार्ग संवाददाता
सिलीगुड़ी : पश्चिम बंग हिन्दी अकादमी के प्रथम राष्ट्रीय नाट्य उत्सव का शुक्रवार को सिलीगुड़ी से शुभारंभ हुआ। पश्चिम बंग हिन्दी अकादमी के तत्वावधान में प्रथम 3 दिवसीय हिन्दी नाट्य उत्सव का आयोजन दीनबंधु मंच में किया गया है। नाट्य उत्सव का उद्घाटन पश्चिम बंग हिन्दी अकादमी के अध्यक्ष विवेक गुप्ता ने किया। उक्त अवसर पर उन्होंने कहा कि भाषा, साहित्य, कला और संस्कृति को केंद्र में रखते हुए पश्चिम बंग हिंदी अकादमी शहर ही नहीं, गांव-गांव जाकर दूरदराज इलाकों में भी अलख जगाने का एक विशाल दायित्व वहन करने को संकल्पबद्ध है। अकादमी के सदस्य सचिव मुकेश सिंह ने कहा कि जहां मनोरंजन के सारे माध्यम आज कोरोना से बाधित हैं, वहीं नाटकों के माध्यम मनोरंजन द्वारा मानव समाज को संस्कारित करने का एक अनोखा औजार है। हिंदी अकादमी के द्वारा कलात्मक संस्कार के लिए नाट्य मंचन अत्यंत ही जरूरी जरिया है। विशिष्ट अतिथि के रूप में विराजमान आपका-तीस्ता हिमालय के संपादक डॉ राजेंद्र प्रसाद सिंह ने कला, साहित्य, संस्कृति को जीवन के संस्कार के लिए आवश्यक बताया। आगे उन्होंने कहा कि मनुष्य जैसे हिंसक पशु के संस्कार के लिए नाटक सबसे असरदार जरिया है, जिसके सहारे सामाजिक विसंगतियों पर सीधा प्रहार किया जा सकता है। अतिथि के रूप में उपस्थित दमामा नाट्य संस्था के रंग निर्देशक पार्थ चौधरी ने कहा कि पश्चिम बंग हिंदी अकादमी की यह यात्रा प्रारंभ में ही नई-नई संभावनाओं का अनुमान करा रही है। इस अवसर पर नाट्य जगत में प्रेरक योगदान के लिए ‘चेतना जन नाट्य मंच’ के संस्थापक डॉक्टर मुन्ना लाल प्रसाद को रंग-सम्मान से सम्मानित भी किया गया। डॉक्टर मुन्ना लाल प्रसाद ने कहा कि वर्तमान पॉपुलर कल्चर के दौर में नाटक ही एकमात्र जागरण का जरिया है। भीड़ के बीच खड़े होकर भीड़ को जगाने का एक सफल आंदोलन नाटक के द्वारा किया जा सकता है। इस अवसर पर दार्जिलिंग के डीआईजी अमित जवालगी और सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस के संयुक्त पुलिस आयुक्त सब्यसाची रमन मिश्रा उनकी पत्नी नम्रिता मिश्रा, डीआईजी, दार्जिलिंग अमित जवालगी, सिलीगुड़ी जीएसटी के संयुक्त आयुक्त राजेश त्रिपाठी, सुप्रिटेंडेंट मनीष पिंटू व प्रदीप पांडेय विशेष अतिथि के तौर पर मौजूद थे।
किसने क्या कहा
पश्चिम बंग हिंदी अकादमी शहर ही नहीं, गांव-गांव जाकर दूरदराज इलाकों में भी अलख जगाने का एक विशाल दायित्व वहन करने को संकल्पबद्ध : विवेक गुप्ता, अध्यक्ष, पश्चिम बंग हिन्दी अकादमी
जहां मनोरंजन के सारे माध्यम आज कोरोना से बाधित हैं वहीं नाटकों के माध्यम मनोरंजन द्वारा मानव समाज को संस्कारित करने का एक अनोखा औजार है : मुकेश सिंह, सदस्य सचिव, पश्चिम बंग हिन्दी अकादमी
कला, साहित्य व संस्कृति जीवन के संस्कार के लिए आवश्यक : डॉ राजेन्द्र प्रसाद सिंह