
कोलकाता : हिंदू धर्म में सप्ताह के हर दिन और महीने की प्रमुख तिथियों, व्रत-त्योहारों को लेकर कुछ नियम बताए हैं। इन दिनों महिला-पुरुषों को कुछ बातों का पालन करना चाहिए, इससे देवी-देवताओं की कृपा भी बरसती है और जीवन में सुख-समृद्धि रहती है। धर्म-शास्त्रों में महिला-पुरुषों को कुछ विशेष दिनों में ब्रह्मचर्य का पालन करने की सलाह दी गई है। धर्म-शास्त्रों के अनुसार इन दिनों में पति-पत्नी द्वारा संबंध बनाने से पैदा हुई संतान को शारीरिक-मानसिक समस्याएं झेलनी पड़ती हैं। आइए जानते हैं कि किन दिनों में पति-पत्नी को संबंध बनाने से बचना चाहिए।
किन दिनों में स्त्री–पुरुष को नहीं बनाना चाहिए संबंध
धर्म-शास्त्रों के अनुसार इन दिनों में शारीरिक संबंध बनाना वर्जित माना गया है।
– नवरात्रि पर्व को बेहद पवित्र माना गया है। यह समय देवी मां की पूजा-आरधना में लगाना चाहिए। साथ ही सात्विक भोजन करना चाहिए और मन में अच्छे भाव रखना चाहिए। लिहाजा इस दौरान शारीरिक संबंध बनाने की सख्त मनाही की गई है।
– अमावस्या के दिन कभी भी पति-पत्नी को संबंध नहीं बनाना चाहिए, ऐसा करने से उनके रिश्ते पर नकारात्मक असर पड़ता है। साथ ही इस दिन गर्भधारण से पैदा हुई संतान का भविष्य बहुत अच्छा नहीं रहता है।
– पूर्णिमा पर भी पति-पत्नी को संबंध नहीं बनाना चाहिए। इस दिन बुरी शक्तियां सक्रिय रहती हैं।
– सूर्य गोचर को सूर्य संक्राति कहा जाता है। हर महीने की 13 से 15 तारीख के बीच सूर्य गोचर करते हैं। इस तरह संक्रांति पर भी संबंध नहीं बनाएं।
– रविवार का दिन भी पति-पत्नी के मिलन के लिए उचित नहीं माना गया है।
– पितृ पक्ष के 15 दिनों में कभी भी संबंध नहीं बनाएं। ऐसा करने से पितर नाराज होते हैं। इस दौरान तो संबंध बनाने का विचार भी मन में लाना निषेध बताया गया है।
– सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण के दिन भी संबंध नहीं बनाना चाहिए। इससे पैदा हुई संतान को कई तरह के कष्ट झेलने पड़ते हैं।
– जब भी कोई व्रत रखें उस दिन संबंध ना बनाएं, वरना व्रत का फल नहीं मिलता है। व्रत में व्यक्ति के शरीर और मन की पवित्रता होना जरूरी है।