
पटना: राज्य के शिक्षा विभाग ने सभी सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त प्राथमिक स्कूलों के हेडमास्टरों को अहम निर्देश दिया है। इस निर्देश के मुताबिक हेडमास्टर साहब बच्चों के मिड डे मील को पहले खाकर ये देखेंगे कि वो बच्चों के लायक है भी या नहीं। वो ये चेक करेंगे कि परोसा जाने वाला भोजन गुणवत्ता की कसौटी पर कितना खरा है। राज्य के शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजय कुमार ने कहा कि जब से 28 फरवरी को कोविड-19 की तीसरी लहर के बाद स्कूलों में मिड डे मील शुरू किया गया है, तब से बच्चों को परोसे जा रहे मध्याह्न भोजन की नियमित निगरानी सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि स्कूल शिक्षा समिति के अध्यक्ष, सचिव और अन्य सदस्यों के साथ-साथ बच्चों के अभिभावक भी बारी-बारी से बच्चों के साथ बैठकर भोजन करेंगे। इसके अलावा, जब भी जिला अधिकारी या उनकी और से अधिकृत अधिकारी मिड डे मील की जांच करने के लिए स्कूल जाते हैं, तो वो बच्चों के साथ बैठना और उनके साथ भोजन करना सुनिश्चित करते हैं। इससे सभी कार्य दिवसों में स्कूलों में परोसे जा रहे भोजन की गुणवत्ता के प्रति छात्रों और उनके अभिभावकों का विश्वास बढ़ेगा।