काजल दान करने के फायदे जानेंगे तो लगाना भूल जाएंगे!

कोलकाताः काजल के बिना महिलाओं का श्रृंगार अधूरा रहता है। खूबसूरती में चार चांद लगाने के लिए सदियों से आंखों में काजल और सुरमा लगाने की परंपरा चली आ रही है। हिंदू धर्म में तो दीपावली के खास मौके पर दीपक से काजल बनाकर बच्‍चों को खासतौर पर लगाया जाता है। इसके अलावा नजर दोष से बचाने में भी काजल को बेहद प्रभावी माना गया है। इस सबके अलावा ज्‍योतिष शास्‍त्र में काजल के कुछ ऐसे टोटके बताए गए हैं, जो कुंडली से शनि, राहु-केतु के दोष दूर करते हैं। इससे शनि, राहु और केतु के कारण आ रही मुसीबतें खत्‍म होती हैं और जीवन में खुशहाली-समृद्धि आती है।

काजल के उपाय 

– जिन लोगों की कुंडली में शनि, राहु, केतु दोष हो उन्‍हें काजल लगाना चाहिए। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार काजल लगाने से शनि, राहु-केतु दोष दूर होता है। लड़कियों तो आसानी से किसी भी समय काजल लगा सकती हैं, वहीं लड़के भी हफ्ते में एक बार रात में काजल लगाकर सोएं। इससे शनि, राहु, केतु शुभ फल देने लगेंगे।

– जिन लोगों की कुंडली में शनि दोष हो वे शनिवार के दिन मंदिर में काजल का दान करें। उनके कष्‍ट तेजी से कम होंगे। शनि शुभ फल देने लगेंगे।

– बच्‍चों को नजर दोष से बचाने के लिए कान के पीछे काजल लगाएं।बच्‍चे को माथे पर काजल लगाने से बचें।

– यदि कुंडली में शनि, राहु, केतु अशुभ स्थिति में हों और उनके कारण धन हानि हो रही हो, तरक्‍की में बाधा आ रही हो, तनाव रहता हो, विवाह नहीं हो पा रहा हो। ऐसी स्थिति में काजल और सुरमा को किसी सुनसान जगह पर जाकर दबा दें, इससे इन तीनों ग्रहों का अशुभ असर कम होगा।

– काजल लगाने से नकारात्‍मक शक्तियों से बचाव होता है। ज्‍योतिष के अनुसार राहु का संबंध नकारात्मक शक्तियों से होता है। ऐसे में जिन लोगों की कुंडली में राहु कमजोर हो या अशुभ हो, वे भी काजल का दान करें।

– नौकरी में समस्‍या हो या बार-बार आय में रुकावट आ रही हो तो काजल की एक बड़ी सी डली को शनिवार के दिन किसी सुनसान जगह पर दबा आएं। ऐसा करने से रोजगार पर मुश्किलें नहीं आएंगी। यदि नौकरी जाने का खतरा हो तो भी यह उपाय करें, लाभ होगा।

शेयर करें

मुख्य समाचार

Radha Ashtami 2023: राधा अष्टमी पर अगर पहली बार रखने जा …

कोलकाता : हिंदू धर्म में भाद्रपद मास के शुक्लपक्ष की अष्टमी की तिथि को बहुत ज्यादा धार्मिक महत्व माना गया है क्योंकि इस दिन भगवान आगे पढ़ें »

Pitru Paksha 2023: पितृ पक्ष आज से शुरू, जानें श्राद्ध की सभी तिथियां और विधि

नई दिल्ली : पितृ पक्ष या श्राद्ध पक्ष भाद्रपद महीने की पूर्णिमा से शुरू होकर पितृमोक्षम अमावस्‍या तक चलते हैं। 29 सितंबर यानी कल से आगे पढ़ें »

ऊपर