कोलकाताः सप्ताह के सातों दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित है। बुधवार का दिन गणेश जी को समर्पित है। बप्पा को विघ्नकर्ता और विघ्नहर्ता दोनों ही नामों से जाना जाता है। इस दिन विधि-विधान से गणेश जी की पूजा करने से उनके भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही गणपति प्रसन्न होकर भक्तों के सभी कष्ट हर लेते हैं। मान्यता है कि गणेश चालीसा का पाठ करने से भगवान श्री गणेश प्रसन्न होकर भक्तों को बुद्धि और विद्या का आशीर्वाद देते हैं।साथ ही उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।इसलिए गणेश पूजा के बाद गौरी पुत्र गणेश चालीसा का पाठ अवश्य करें।लेकिन गणेश जी की पूजा के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है,अन्यथा वे क्रोधित हो सकते हैं।
बुधवार के दिन सुबह उठकर स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद गणेश जी की पूजा करें। इससे भगवान गणेश भक्तों की सभी मनोकामना पूरी करते हैं। व्यक्ति का बुध कमजोर होने पर व्यक्ति को हरे रंग के कपड़े पहनने चाहिए। साथ ही, पास में हरे रंग का रुमाल भी रख लें। इस दिन किसी व्यक्ति को हरे मूंग की दाल और हरे कपड़े दान करें। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बुधवार के दिन गाय को हरा चारा खिलाना लाभदायी होता है। गणपति के मस्तक पर सिंदूर का तिलक लगाएं। ऐसा करने से व्यक्ति को सभी कार्यों में सफलता मिलती है। साथ ही, आर्थिक रूप से उन्नति मिलती है।
शास्त्रों के अनुसार गणेश जी को लड्डू या मोदक अति प्रिय हैं। इसलिए बुधवार के दिन भगवान गणेश को मोदक का भोग लगाएं। इससे व्यक्ति के जीवन में आने वाली सभी समस्याएं दूर होती हैं। मान्यता है कि भगवान गणेश की शमी के पत्ते अर्पित करने से व्यक्ति का तनाव और मानसिक समस्याएं दूर होती हैं। बुद्धि का विकास होता है।
भगवान गणेश की पूजा में वैसे तो लाल रंग के फूल और लाल सिंदूर का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन इस बात का ध्यान अवश्य रखें कि गणेश जी को सफेद फूल या केतकी के फूल भूल से अर्पित न करें। गणेश जी को ऊर्जा और उत्साह का प्रतीक माना गया है। भगवान शिव की तरह गणेश जी को भी केतकी के फूल अर्पित नहीं करने चाहिए। गणेश पूजा में सूखे और बासी फूलों का प्रयोग भूलकर भी न करें। ऐसा करना अशुभ माना जाता है। ऐसा करने से भगवान क्रोधित हो जाते हैं और घर परिवार में दरिद्रता आती है। इसलिए पूजा के दौरान गणेश जी को ताजे फूल अर्पित करें।