-आप का स्नानघर चाहे बड़ा हो या छोटा, चाहे टाइलों वाला हो या साधारण, हमेशा उसमें प्रयोग में आने वाली वस्तुएं ही रखें।
-टूटे मग या बाल्टी, टूथपेस्ट की पिचकी हुई ट्यूब, पुराने टुथ ब्रश, शैंपू की खाली शीशियां आदि फौरन फेंक देनी चाहिए।
-हफ्ते में दो बार वाश बेसिन अवश्य साफ करना चाहिए। बहुत सी स्त्रियां बिंदी आदि शीशे पर चिपका देती हैं। इससे शीशे पर मैल चिपक जाती है, ऐसा न करें।
-स्नानघर में कपड़े टांगने के लिए कील न ठोकें। कपड़े टांगने के लिये राड अवश्य लगाएं। कीलों पर टंगे कपड़े देखने में तो भद्दे लगते ही हैं, इनमें कपड़े फंस कर फटने का डर भी रहता है।
-हाथ पोंछने के तौलिये को हमेशा प्रयोग के बाद राड पर फैला देना चाहिए। इस से हवा लगने के कारण उस में बदबू नहीं आएगी।
-फ्लश को भी प्रतिदिन विम व हारपिक से अवश्य साफ करना चाहिए। महीने में एक बार वाश बेसिन, फ्लश, एवम टाइलों को तेजाब से साफ करना चाहिए जिससे आप का स्नानघर चमक उठेगा।
-नहाने के काम आने वाली वस्तुएं जैसे बाल्टी, मग, साबुनदानी आदि को नहाते वक्त रोज साफ करने की आदत डालनी चाहिए।
-साबुन के बचे छोटे छोटे टुकड़ों को पानी में भिगो कर लिक्विड सोप बना लें। इसे हाथ धोने के काम में लाये।
-स्नानघर के फर्श को हफ्ते में एक बार रगड़ कर अवश्य साफ कर लें। साबुन आदि के प्रयोग से ये अक्सर चिकने हो जाते हैं। इससे फिसल कर गिरने का भय बना रहता है।
-पानी की किल्लत के कारण यदि पानी को हौज या बाल्टियों में जमा करना पड़े तो पानी को उचित समय पर बदल देना चाहिए। हफ्तों पहले भरा पानी व्यवहार में नहीं लाना चाहिए।
-आप अपने स्नानघर के प्रयोग के लिए एक जोड़ी रबड़ की चप्पल अवश्य रखें जिससे वहाँ की गंदगी अन्य कमरों एवं रसोई आदि में न जा सके।
-इन सब चीजों के अलावा आप अपने स्नानघर के बाहर पायदान रखना न भूलें ताकि बाहर निकलते वक्त पैर पोछें जा सकें। (उर्वशी)
आप का स्नानघर-कैसे रहे टिप-टॉप
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