
नई दिल्ली : युवावस्था में मुंहासे की समस्या आम होती है और आमतौर पर इसे धूल-मिट्टी और ऑयल को वजह माना जाता है, लेकिन एक रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक लोगों को जानकारी नहीं होती कि मुंहासों का कारण तनाव भी है। मुहांसों की रोकथाम के लिए त्विचा की साफ-सफाई के साथ-साथ तनाव को कम करने की भी कोशिश करें।
रिपोर्ट के मुताबिक खान-पान की गलत आदतें, तनाव और त्वचा का ख्याल ना रखना या गलत तरीके से ख्याल रखने के कारण कील-मुंहासे होते हैं। मैड्रिड में 28वें यूरोपियन अकादमी ऑफ डर्मेटोलॉजी एंड वेनेरियोलॉजी कांग्रेस की एक रिसर्च के अनुसार कुल 6 देशों से 6,700 से अधिक प्रतिभागियों में मुंहासों के इन हानिकारक कारकों का टेस्टं किया गया।
तनाव से होते है मुंहासे
एक रिसर्च के मुताबिक अगर कील-मुंहासे से परेशान व्यक्ति तनावग्रस्त रहने लेगे तो स्थिति और बिगड़ सकती है। वैज्ञानिकों का कहना है कि परीक्षाओं के दौर में किशोरों में कील-मुंहासे बढ़ जाते हैं, जिसकी वजह ये है कि मुंहासे होने शुरू हो जाते हैं। सौ में से 85 लोगों को अपने जीवनकाल में कभी न कभी कील-मुंहासे की समस्या का सामना करना पड़ता है और इसका सबसे बड़ा कारण मुंहासे ही है।
आर्काइव ऑफ डर्मेटोलॉजी के एक रिपोर्ट के मुताबिक परीक्षाओं के दौरान छात्रों में अपने चेहरे को लेकर कोई खास चिंता नहीं रहती है। मुंहासे बढ़ने से तनाव बढ़ने की बात सामने नहीं आई है, बल्कि इसके विपरीत तनाव बढ़ने से मुंहासे बढ़ने की बात सामने आई है।
वैज्ञानिकों का कहना है कि तनाव की अवस्था में बॉडी वैसे हार्मोन का ज्यादा उत्पादन करने लगती है जो कि त्वचा को ऑयली बनाते हैं, ऐसे में मुहांसों के घाव भरने की प्रक्रिया 40 प्रतिशत तक धीमी हो जाती है। लीवरपुल यूनिवर्सिटी के त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉक्टेर निएल विल्सन ने ताजा अध्ययन की रिपोर्ट से सहमति जताई, लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि अनेक मरीज तनाव की स्थिति को मुंहासे से जोड़ते हैं, लेकिन यही एकमात्र कारण नहीं हो सकता है। कई अन्य बातों का असर होता है। इनके अलावा धूल और पॉल्यूशन भी इसके महत्वपूर्ण कारकों में से है। इतना ही नहीं, स्किनकेयर के लिए केमिकल से भरपूर प्रोडक्टह का बहुत ज्यामदा इस्तेकमाल भी मुंहासों के लिए जिम्मेदार है।
खान पान भी है जिम्मेदार
एक रिपोर्ट के मुताबिक पहली बार इस शोध ने हमें उपचार नुस्खे से पहले इससे संबंधिक कारकों की पहचान करने की अनुमति देता है। मुंहासें रोजाना डेयरी उत्पादों का सेवन करने वाले व्यक्तियों में अधिक थी, यानि कि 48.2 प्रतिशत लोग ऐसे थे जो डेयरी प्रोडक्ट का सेवन नियमित तौर पर करते हैं, उनमें मुंहासे हैं जबकि न करने वाले 38.8 प्रतिशत व्यक्तियों में यह नहीं है।
करें ये उपाय
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने कहा कि तनाव की अवस्था में बॉडी में एड्रेनल एंड्रोजेन जैसे हार्मोन बनते हैं जो मुंहासे बढ़ाते हैं और तनाव में मुंहासे अधिक होते हैं। तनाव ऐसे हार्मोन को बढ़ावा देता है, जिसके कारण मुंहासे होने लगते हैं। ऐसे में मुहांसों को कम करने के लिए तनाव कम करने के प्रयास करें। ऐसे काम करें जो आपको खुशी दे। तनाव कम होगा तो मुंहासे भी बार−बार परेशान नहीं करेंगे।
सफाई का रखें ख्याल
त्वचा के साथ ही अपने तकिए के कवर, बेडशीट व टॉवल को भी साफ़ रखें और समय समय पर बदलते रहें, इससे आपको मुहांसों में राहत मिलेगी।