
कोलकाता : शिवलिंगी के बीज बहुत सी बीमारियों में दवा के रूप में काम लिए जाते हैं। इनका सेवन साधारण बीमारियों से लेकर बांझपन की समस्या में भी किया जाता है। पाचन तंत्र को मजबूत बनाने के साथ-साथ टाइफाइड जैसी गंभीर बुखार को भी दूर करने में बेहद उपयोगी साबित होते हैं। शिवलिंगी को संस्कृत में बहुपत्रा, शिवल्ली कहते हैं तो वही इसे इंग्लिश में ब्रायोनिया लैसीनोसा के नाम से भी जानते हैं। बीमारियों में इसका सेवन किया तो जाता है लेकिन इसका अधिक सेवन भी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसे में सबसे पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लेवें।
बुखार में
शिवलिंगी के बीज केवल बुखार को ही दूर नहीं करते हैं बल्कि दर्द में भी आराम पहुंचाते हैं। इसके अंदर एंटी-फीवर गुण मौजूद होते हैं जो तपेदिक को दूर करने के साथ टाइफाइड जैसी गंभीर बुखार को भी दूर कर सकते हैं। इसके चूर्ण का सेवन पेट की सूजन को दूर करता है लेकिन इसके सेवन से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लेवें।
कब्ज की समस्या में
असंतुलित आहार और ख़राब लाइफस्टाइल के चलते लोगों को कब्ज की परेशानी रहती है। ऐसे में वे बहुत से चूर्ण और दवाइयों का सेवन करते हैं। लेकिन ऐसे लोगों को सबसे पहले पाचन तंत्र को मजबूत बनाना चाहिए हैं। इसके लिए शिवलिंगी के बीज का सेवन समस्या का हल हो सकता है। यह खाने को बेहद ही आसानी से पचाने में मदद करता है।
वजन घटाने में लाभदायक
वर्तमान समय में मोटापा भी बहुत बड़ी समस्या है। बहुत से लोग वजन घटाने के लिए खूब पसीना बहाते हैं और खाने पीने में कटौती भी करते हैं। लेकिन बावजूद इसके भी वजन घटाने में कोई ख़ास फर्क नहीं पड़ता। ऐसे में शिवलिंगी के बीज आपका वजन कम करने में कारगर साबित हो सकते हैं।
प्रेगनेंसी में और नवजात शिशु के लिए भी मददगार
शिवलिंगी के बीज गर्भधारण करने में मदद करने के साथ ही ये नवजात शिशु को स्वस्थ बनाने में भी बेहद मददगार हैं। ऐसे में गर्भावस्था के दौरान इसका सेवन करना एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। लेकिन इनका सेवन करने से पहले एक्सपर्ट की जरूर सलाह लें।
पाचन तंत्र मजबूती के लिए
शिवलिंगी के सेवन से ना केवल आंतों के काम में सुधार आता है बल्कि यह मल को आसानी से बाहर निकालने में भी मदद करता है। कब्ज की समस्या से लड़ने में एक अच्छा विकल्प है। आपको बता दें कि अपच और एसिडिटी की समस्या को दूर करने में भी बेहद उपयोगी है।