नई दिल्ली : देश और दुनिया में कोरोना वायरस के मामले बढ़ते जा रहे हैं, अभी तक इसके लिए कोई दावा नहीं बनी और साफ़ सफाई और सावधानी ही इसका एक मात्र उपाय है। हैंड सैनिटाइजर और साबुन इसे रोकने में सहायक माना जा रहा है।
इस बारे में स्कूल ऑफ केमिस्ट्री यूएनएसवी के प्रोफेसर पल्ली थॉर्डसन ने एक ट्वीट के माध्यम से जानकारी दी है कि इस खतरनाक वायरस में साबुन एक बेहतर विकल्प है। साबुन में फैटी एसिड और सॉल्ट जैसे तत्व होते हैं, जिन्हें एम्फिफाइल्स कहा जाता है। ये तत्व वायरस की बाहरी परत को निष्क्रिय कर देते हैं। करीब 20 सेकंड तक हाथ धोने से वो चिपचिपा पदार्थ नष्ट हो जाता है, जिसके कारण वायरस हाथ से चिपका रहता है। दरअसल साबुन से हाथ धोने के बाद स्किन थोड़ी ड्राई हो जाती है, ऐसा इसलिए होता है कि साबुन काफी गहराई में जाकर त्वचा को साफ करता है।
जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के शोध के मुताबिक जैल, लिक्विड या क्रीमी सैनिटाइजर कोरोना वायरस से लड़ने में साबुन जितना कारगर नहीं है, कोरोना को मारने में अधिक एल्कोहल की मात्रा वाला सैनिटाइजर ही बेहतर विकल्प है। उन्होंने कहा कि जब आप अपने हाथों को साबुन से नहीं धो सकते, इसी स्थिति में हैंड सैनिटाइज़र का इस्ते माल करें।
प्रोफेसर पल्ली थॉर्डसन ने हैंड सैनिटाइज़र का इस्तेोमाल करने के लिए गाइडलाइन भी दिया है:
उन्होंने कहा है कि कोरोना को खत्म करने में दोनों ही कारगर है, जो आपको बेहतर लगे उपयोग करें। साबुन और सैनिटाइज़र दोनों जरूरत के मुताबिक इश्तेमाल किया जा सकता है। ध्यान रखें कि सैनिटाइज़र हमेशा 100% बैक्टीइरिया को नहीं मारता है, भले ही यह केवल 95% मार तक मार सकता है। सैनिटाइज़र भी इश्तेमाल करें तो इसे अच्छी तरह हाथ में रगड़ें और पोर्स में भी इसे अच्छे से लगाएं।
वहीं अन्य डॉक्टर्स ने भी कहा कि अपने हाथों को साबुन से धोएं, यह हैंड सैनिटाइजर के इस्तेोमाल से बेहतर है। साबुन अल्को्हल रब या किसी मेडिकेटेड सैनिटाइज़र से बेहतर है। अल्कोखहल की सही मात्रा और देर तक रब नहीं किया जाता है तो हाथ से वायरस या बैक्ी सैरिया पूरी तरह से खत्म होने के बारे में कुछ निश्चित तौर पर कहा नहीं जा सकता। वहीं एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक अल्कोहल के मुकाबले साबुन वायरस को तेजी से खत्म कर सकता है, क्योंकि म्यू।कस शराब को प्रवेश करने से रोकता है और अधिक समय लेता है।