
कोलकाता : हिंदू धर्म में गंगा सप्तमी का विशेष महत्व बताया जाता है। वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि के दिन ही गंगा सप्तमी मनाई जाती है। जैसा की इसके नाम से ही समझ आ रहा होगा। गंगा सप्तमी का संबंध पवित्र मां गंगा से है। मां गंगा के धरती पर आने से पहले ब्रह्मा जी को ये चिंता थी, कि क्या धरती मां गंगा का भार और वेग सहन कर पाएगी। तब ब्रह्मा जी ने भागीरथ को भगवान शिव के पास जाने का सुझाव दिया। ब्रह्मा जी के सुझाव पर भगीरथ ने अपने कठोर तप से भगवान शिव को प्रसन्न किया। इसके बाद भोलेनाथ को इस बात के लिए मनाया कि मां गंगा स्वर्ग लोक से सीधा धरती पर अवतरित न होकर भोलेनाथ की जटाओं में से होती हुई निकलें। ताकि मां गंगा का वेग और भार कम हो सके। भोलेनाथ की जटाओं में जाने के दिन को गंगा सप्तमी के नाम से जानते हैं। आइए जानें इस दिन की तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व के बारे में…
गंगा सप्तमी 2022 तिथि-
पंचाग के अनुसार इस साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि 08 मई के दिन मनाई जाएगी। बता दें कि सप्तमी तिथि की शुरुआत 07 मई शनिवार दोपहर 02 बजकर 56 मिनट से होकर समापन 08 मई, रविवार शाम 05:00 बजे समाप्न होगा। ज्योतिषीयों के अनुसार उदयातिथि 8 मई के दिन पड़ रही है, इसलिए गंगा सप्तमी 08 मई के दिन मनाई जाएगी।