
भरपूर नींद लें : बहुत दूर की वस्तु या दृश्यों को देर तक नहीं घूरना चाहिए। नींद आने पर आंखों में थकावट महसूस होने पर या सिर में भारीपन होने पर जबरदस्ती आंखों वाले काम को न करें। थोड़ी देर आंखेें बन्द करके आंखों को आराम दें। नींद के समय भरपूर नींद लें।
टी.वी. पर टकटकी न लगाये रहें : अधिक पास से टी. वी. न देखें, न ही लगातार टी.वी. पर टकटकी लगा कर देखें। कम्प्यूटर पर लगातार काम न करें। बीच में कुछ और काम करें या आंखों को थोड़ा आराम देती रहें। देर रात तक जागने से आंखों के ऊपर का भाग भारी हो जाता है जिससे आंखों का सौम्यपन खत्म होने लगता है। रात्रि में समय पर सो कर सुबह जल्दी जागने का प्रयास करें।
धूप से आने के बाद तुरंत आंखें न धोएं : अपनी आंखों को तेज धूप, तेज रोशनी, अधिक धुएं और दूषित वातावरण से बचा कर रखें। अधिक शारीरिक श्रम करने के बाद, धूप से आने के बाद तुरंत आंखें और चेहरा न धोयें। थोड़ा रुककर तापमान सामान्य होने पर ठंडे पानी से चेहरा और आंखें धो सकती हैं। पढ़ते-लिखते समय रोशनी का पूरा ध्यान रखें। कम रोशनी में पढ़ने से आंखों पर अतिरिक्त भार पड़ता है जो आंखों को हानि पहुंचाता है। बहुत छोटे अक्षरों वाली पुस्तक अधिक समय तक न पढ़ें। बीच में आंखों को बन्द कर आराम दें या अपनी हथेलियों को आंखों पर हल्के से रखकर आराम दें।
भोजन में पोषक तत्वों पर ध्यान रखें : आंखों को स्वस्थ रखते हुए अपने भोजन पर भी विशेष ध्यान देना जरूरी होता है। अपने भोजन में पोषक तत्वों का पूरा ध्यान रखें। आंखों को स्वस्थ रखने हेतु विटामिन ‘ए’ का उचित सेवन करें। विटामिन ‘ए’ हमें गाजर, मूली, मटर, पके टमाटर, पालक, पपीता, केला और पत्तागोभी से मिलता है। गाजर और पके पीले फलों में केरोटीन की मात्रा अधिक होती है जिससे शरीर में विटामिन ए बनता है। इससे आंखों की ज्योति ठीक रहती है। जब अधिक थकान महसूस होने लगे तब आंखों में गुलाब जल की 2-2 बूंदें डालें। आंखें तरोताजा रहेंगी। इस तरह आपने हाइजीन का ध्यान रखा तो आपकी आंखें सुंदर दिखेंगी। ●