कोरोना काल में सभी लोगों को अपने स्वास्थ्य की चिंता है। इस दौरान लोगों ने अपने रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने पर भी पूरा दे रहे हैं। ऐसे में यह जानना बेहद जरुरी है कि हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को और कैसे मजबूत किया जाय, तो आइए जानते हैं कि इसे बढ़ाने के आसान और घरेलू उपाय। सुबह 10 ग्राम यानी एक चम्मच च्यवनप्राश का सेवन करना रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में काफी लाभदायक है। यदि आपको मधुमेह है तो शुगर फ्री च्यवनप्राश का सेवन कर सकते हैं। 150 मिलीलीटर गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी पाउडर मिलाकर दिन में एक या दो बार पीने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है। तुलसी, दालचीनीए, काली मिर्च, सूखी अदरख और मुनक्का से बनी हर्बल चाय या काढ़ा दिन में एक या दो बार पीने से लाभ होता है।
ये पांच चीजें इम्यूनिटी बूस्टर में हैं फायदेमंद
विटामिन सी : रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली चीजों में विटामिन सी का नाम प्रमुखता से आता है। विटामिन सी सबसे ज्यादा खट्टे फलों में मौजूद होता है जैसे संतरा, मौसमी, किन्नू, स्ट्रॉबेरी, जामुन, नींबू और आंवला। विटामिन सी शरीर में श्वेत रक्त कोशिका को बनाता है जो कि इंफेक्शन से लड़ने में शरीर की मदद करता है।
हल्दी : हल्दी के बारे में तो जानते ही हैं कि आपकी रसोई में इससे बढ़िया कोई दवा नहीं है। हल्दी को दर्द निवारक भी कहा जाता है, इसीलिए चोट लगने पर हल्दी और चूने का लेप लगाया जाता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए हल्दी का सेवन नियमित रूप से करें।
अदरक : अदरक एक गर्म खाद्य पदार्थ है। कफ और खांसी के इलाज में इसे रामबाण कहा गया है। अदरक का सेवन आपको इंफेक्शन और फ्लू से बचाता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए अदरक का सेवन सब्जी, चाय, काढ़ा आदि के रूप में कर सकते हैं। अदरक कोलेस्ट्रॉल को भी नियंत्रित रखता है और पुराने दर्द में भी काम करता है।
लहसुन : लहसुन को तामसी भोजन में शामिल किया गया है, लेकिन यह एक औषधि है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में लहसुन काफी मददगार है। नेशनल सेंटर फॉर कॉम्पि्लमेंटरी एंड इंटीग्रेटिव हेल्थट्रस्टेड के अनुसार, लहसुन निम्न रक्तचाप और धमनियों को सख्त बनाने में मदद करता है। लहसुन में एलिसिन पाया जाता हो जो कि रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए जाना जाता है।
पालक : पालक विटामिन सी का सबसे बड़ा स्त्रोत है। इसमें कई तरह के एंटीऑक्सिडेंट होते हैं जो हमारे प्रतिरक्षा प्रणाली की संक्रमण से लड़ने की क्षमता को बढ़ाते हैं। पालक को धीमी आंच पर पकाना चाहिए, नहीं तो इसमें मौजूद पोषकतत्व नष्ट हो जाएंगे।