रांची : इस दर्द को वही समझ सकता है जिस पर यह बीत रहा है। इस मां की दर्द को सुनिए जिसका जवान बेटा उसके आंख के सामने गुजर गया और वह सिर्फ इसलिए क्योंकि अस्पताल में उसने समय पर अपना कागज जमा नहीं किया। एक मां की हर चीख से उसका दर्द बयां कर रहा है कि अब उसका क्या होगा उसने तो उम्मीद की थी कि जब हम इस दुनिया से जाएंगे तो हमारा बेटा हमें कांधा देगा, पर रिम्स की लापरवाही ने तो उस मां के अरमानों और उम्मीदों पर पानी फेर दिया और उससे उसका जवान बेटा छीन लिया। बूढ़ी मां के साथ जवान पत्नी का भी दर्द छलका, दो छोटे बच्चे को छोड़कर उसका पति जो चल बसा। मृतक की मां बताती है उसके बेटे का एक्सीडेंट हुआ था, जिसमें उसका पैर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था, गंभीर हालत को देखते हुए बुंडू के अस्पताल ने रिम्स रेफर कर दिया। रिम्स पहुंचने के बाद उसके परिजनों को कागजी प्रक्रिया को पूरा करने में इतना समय लग गया कि उसके बेटे की जान ही चली गई। मृतक की पत्नी बताती हैं कि जब उसे अस्पताल लाया गया था तो वह अच्छी तरह से बातचीत कर रहा था। अगर समय पर दवा और सुई मिल जाती तो शायद उसका पति आज उसके पास होता।
जान पर भारी पड़ा दस्तावेज
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