
कोलकाताः सनातन धर्म में कार्तिक माह का विशेष महत्व है। इस माह में पूजा-पाठ करने से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। कार्तिक माह में तुलसी पूजा का भी विशेष महत्व है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष कार्तिक पूर्णिमा 8 नवंबर 2022 के दिन पड़ रहा है। इस दौरान खासतौर पर कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान का विशेष महत्व है।
अगर आप किसी पवित्र नदी में स्नान करने में असमर्थ हैं तो नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। कार्तिक मास का समापन कार्तिक पूर्णिमा के दिन होता है। ऐसे में इस दिन भगवान विष्णु की कृपा पाने और उन्हें प्रसन्न करने के लिए ज्योतिष शास्त्र में कई तरह के उपायों का उल्लेख मिलता है। चलिए जानते हैं इन उपायों के बारे में…
तुलसी उपाय
कार्तिक पूर्णिमा के दिन तुलसी के पौधे के पास दीपक जरूर जलाएं। इससे भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और धन से जुड़ी समस्याओं से छुटकारा मिलता है। इसके अलावा तुलसी के पौधे की जड़ से मिट्टी लेकर उसका तिलक लगाएं। मान्यता है कि ऐसा करने से व्यक्ति को सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है और भगवान विष्णु प्रसन्न होकर अपने भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
कुशा स्नान
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन कुशा स्नान करना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति को सौभाग्य की प्राप्ति होती है और दुर्भाग्य से छुटकारा मिल जाता है। कुशा स्नान के लिए एक हाथ में कुशा लेकर किसी पवित्र नदी में स्नान करें। इसके अलावा इस दिन दान करने से आरोग्यता का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है।
स्वास्तिक और आम के पत्तों का तोरण
कहा जाता है कार्तिक पूर्णिमा पर मां लक्ष्मी भक्तों के घर में वास करती है। ऐसे में देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने और उनके स्वागत के लिए घर के मुख्य द्वार पर हल्दी से स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं और आम के पत्तों से तोरण बना कर मुख्य द्वार पर लटकाएं। इससे आपके घर मां लक्ष्मी का आगमन होगा और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होगा।
भगवान शिव की पूजा
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान शिव का भी खास पूजन-अर्चन किया जाता है। इस दिन भगवान शिव को दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल से बने पंचामृत आदि अर्पित करें साथ ही उन्हें बेलपत्र भी चढ़ाएं इससे भगवान शिव प्रसन्न होंगे और आशीर्वाद प्रदान करेंगे।