हंसी का अवसर और कारण नजर आए तो अवश्य हंसिए, वह भी जी भर कर और पेट पकड़कर हंसिए किंतु बिना कारण हंसना व झूठी मुस्कान प्रकट करना नुकसानदेह हो सकता है। एक नए शोध में यह सामने आया है कि खोखली हंसी हंसने एवं झूठी मुस्कान वालों को अवसाद एवं हार्ट डिजीज हो सकते हैं। रिसेप्शनिस्ट, सेल्सगर्ल, सेल्समैन को नौकरी के लिए दिन भर झूठी मुस्कान व हंसी लानी पड़ती है। ये ग्राहकों से निपटने के लिए ऐसा झूठे तौर पर करते हैं पर इससे उपजे तनाव के चलते इनका हार्टरेट अत्यधिक बढ़ जाता है। नकली मुस्कान फेंकने के कारण ऐसी स्थिति निर्मित हो सकती है जो उनके स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है।
शहरों में तनाव एवं प्रदूषण के साथ बीमारियां बढ़ीं
शहरी आपाधापी एवं व्यस्तता के कारण लोगों में तनाव, अवसाद बढ़ा है। गाड़ियों की अधिकता के कारण प्रदूषण बढ़ा एवं वातावरण में प्राण वायु ऑक्सीजन की कमी हुई। संसाधनों के कारण शारीरिक निष्क्रियता बढ़ गई है, जिसके कारण तरह-तरह की बीमारियां बढ़ गयी हैं। तनाव व अवसाद के कारण दिमाग की कार्यक्षमता भी प्रभावित हुई है। प्रदूषण के कारण ऑक्सीजन की कमी हुई है, जिससे रक्त में प्राण वायु की कमी होने से हृदय रोगों को पनाह पाने का मौका मिला। श्रम व व्यायाम की कमी के कारण डायबिटीज टाइप टू के रोगी बढ़े। शारीरिक सक्रियता की कमी के कारण जोड़ कमजोर होने लगे, जिससे जोड़ों में दर्द की शिकायत बढ़ी। आज 74 प्रतिशत शहरी भारतीय दिल के रोगी हैं। 30 से 40 प्रतिशत शुगर के मरीज हैं। 25 प्रतिशत सांस के रोगी हैं। 30 प्रतिशत मोटापे के शिकार हैं। 35 प्रतिशत के जोड़ों में दर्द है।
अनिद्रा, अल्प निद्रा एवं अधूरी नींद से मधुमेह
भरपूर और गहरी नींद सभी जीव-जंतुओं के लिये जरूरी है। जबकि अधिन सोना, अल्प निद्रा, अनिद्रा एवं अधूरी नींद से अनेक समस्याओं एवं बीमारियों को पनपने एवं बढ़ने का मौका मिलता है। ऐसी स्थिति में शारीरिक व मानसिक क्षमता में कमी आती है। इससे बीपी, शुगर, हृदय रोग एवं पाचन के प्रभावित होने का खतरा बढ़ जाता है। अमरीका के हार्वर्ड स्कूल ऑफ मेडिसिन ने अपने अध्ययन से यह पता लगाया है कि पांच घंटे से कम सोने एवं अधूरी नींद से डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है। ऐसी स्थिति में चयापचय क्रिया धीमी पड़ जाती है और वजन एवं मोटापा भी बढ़ जाता है। देर रात को सोना एवं अधूरी नींद दोनों सेहत के लिये खतरनाक हैं। इससे शरीर की सभी क्रियाएं अव्यवस्थित हो जाती हैं।
बड़े काम की अदरक वाली चाय
अपने देश में चाय को साधारण पेय मानकर पीने की परंपरा है। 99 प्रतिशत घरों में चाय किसी न किसी रूप में बनती है एवं पी जाती है। वैसे चाय नहीं पीने वालों की भी कमी नहीं है। बड़ी संख्या में ऐसे लोग मिल जाते हैं जो चाय पीते ही नहीं हैं। प्रयोगों वाला देश होने के कारण यहां चाय तरह-तरह से बनायी जाती है। दूध वाली चाय, काली चाय, नींबू वाली चाय, घी वाली चाय, मसाले वाली चाय, हर्बल चाय, हरी चाय, अदरक या इलायची वाली चाय आदि। चाय कोई भी हो, उसको पीने वाले यह नहीं जानते कि चाय पीने से क्या लाभ या हानि है। ठंड में अदरक वाली चाय अधिक लोग पीते हैं, क्योंकि अदरक तनाव कम करता है, पाचन सुधारता है। यह मूड बदल देता है। यह शरीर से विष तत्व को दूर करता है। अदरक वाली चाय के बारे में नये शोध का यही निष्कर्ष है।
वजन भी कम करता है हंसना
अब तक यही समझा जाता रहा है कि हंसमुख लोगों का वजन अधिक होता है पर आपको यह जानकर हैरानी हो सकती है कि हंसना आपके वजन को कम भी कर सकता है। इंटरनेशनल जरनल आॅफ ओबेस्टी में प्रकाशित एक शोध के अनुसर 18 से 34 वर्ष की आयु के 45 लोगों को टेलीविजन पर अलग-अलग कार्यक्रम दिखाए गए। शोध में यह पाया गया कि जब वे काॅमेडी कार्यक्रम देख रहे थे तो उनकी मांसपेशियों ने अधिक कार्य किया और उनकी हृदय गति तेज़ हो गई जिनसे उनका कैलोरी खर्च 10 से 20 प्रतिशत बढ़ गया। शोधकर्ताओं का मानना है कि यदि मोटे लोग कम से कम पन्द्रह मिनट का कामेडी कार्यक्रम देखें और हंसें तो एक वर्ष में उनका वजन साढ़े चार पौंड कम हो सकता है। तो आप भी हंसिए और अपना वजन कम कीजिए।