
जीवन की भागदौड़ में हम स्वास्थ्य के प्रति काफी लापरवाही बरतने लगते हैं। इस कारण कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं सामने आती हैं। इसी में शामिल है घुटनों का दर्द। स्वस्थ रहने के लिए शरीर के इस अंग पर विशेष ध्यान जरूरी है। घुटनों में दर्द आगे चलकर एक बड़ी बीमारी बन सकता है। ऐसे में पहले से सतर्क रहना आवश्यक है। घुटनों में दर्द किसी बीमारी जैसे आर्थराइटिस, बरसाइटिस (घुटनों में बार-बार दबाव पड़ने से सूजन होना), टेन्टीनाइटिस (सीढ़ियां चढ़ने-उतरने पर होने वाला दर्द), बेकर्स सिस्ट (आर्थराइटिस की वजह से घुटनों के पीछे होने वाली सूजन) आदि की वजह से भी हो सकता है। इसमें घुटनों में जकड़न, दर्द और सूजन होता है। साथ ही कार्टिलेज व लिगामेंट्स के घिसने से भी ऐसी समस्या लोगों में देखने को मिलती है। डॉ. वरुण चंद्रा, सीनियर कंसल्टेंट ऑर्थोपेडिक्स, ज्वाइंट रिकंस्ट्रक्सन एण्ड स्पाइन सर्जन कहते हैं कि आर्थराइटिस यानी कि गठिया या जोड़ों में होने वाला रोग है। इसमें जोड़ों में दो हड्डियों या ज्वाइंट्स के बीच में कार्टिलेज कम होने लगता है। इस कारण ही मरीजों की हड्डियां आपस में टकराने लगती हैं। इस कारण ही जोड़ों में जलन, दर्द व जकड़न होती है। जरूरत है कि समय पर लोग सचेत होकर चिकित्सकीय परामर्श लें। आज ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी से आसानी से ऐसे दर्द से मरीज निजात पा सकते हैं। साथ ही सामान्य जीवन जी सकते हैं।