रसोई में भूलकर भी न करें चकला- बेलन से जुड़ी ये गलतियां, परिवार हो जाएगा कंगाल

कोलकाता : रसोई घर को मां अन्नपूर्णा का वास माना जाता है। मां अन्नपूर्णा मां लक्ष्मी का ही दूसरा रूप हैं। कोई घर कितना सुखी-समृद्ध है, इसकी पहचान उसके रसोई घर को देखकर हो जाती है। रसोई घर में चकला-बेलन अहम पहचान होते हैं। ज्योतिष शास्त्र में कहा गया है कि हमें चकला-बेलन से रोटी बनाते समय कई सावधानियां बरतनी चाहिए वरना घर को बर्बाद होते देर नहीं लगती। आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
इस रंग के चकला-बेलन न करें इस्तेमाल
अधिकतर रसोई घरों में खाकी या ब्राउन कलर के चकला बेलन का इस्तेमाल करते हैं। कई बार लोग फैशन के चक्कर में आकर काले रंग के चकला-बेलन का भी इस्तेमाल कर लेते हैं। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक ऐसा करना अशुभ माना जाता है। आपकी यह गलती आपको कंगाल भी बना सकती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार रसोई में काले रंग के चकला-बेलन का इस्तेमाल करने पर शनि दोष शुरू हो जाता है और घर में नकारात्मक शक्तियों का प्रवेश हो जाता है, जो आपको धीरे-धीरे बर्बादी की ओर ले जाने लगती हैं।
ऐसे रोकें चकला-बेलन की आवाज
ज्योतिष शास्त्रियों के मुताबिक चकला-बेलन पर रोटी बनाते समय आवाज नहीं आनी चाहिए। ऐसा करना अशुभ माना जाता है और इससे धनहानि शुरू होने का संकेत मिलता है। अगर आपका चकला थोड़ा टेढ़ा-मेढ़ा रखा है तो उसके नीचे कोई कपड़ा लगाकर संतुलित कर लें, जिससे उसमें से आवाज न आए। आप बेलन चलाते समय भी इस बात का ध्यान रखें कि उसमें से ज्यादा ध्वनि न निकले।
गंदा न छोड़ें चकला-बेलन
आप जब भी चकला-बेलन से रोटी बनाएं तो इस बात का ध्यान रखें कि उसे गंदा न छोड़ें। रोटी बनाने के बाद दोनों को साफ पानी से धो दें और फिर कपड़े से पोंछकर साइड में खड़ा कर दें। चकला-बेलन को बिना धोए रखने से उसमें बैक्टीरिया और दूसरे जर्म पनप जाने का खतरा होता है, जिससे बीमार होने का खतरा बन जाता है। लिहाजा उसकी सफाई करना बेहद जरूरी हो जाता है।

 

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