चावल भारतीयों का अति प्रिय आहार है जो तरह-तरह के तरीकों से बनाया जाता है, जैसे पुलाव, सादे चावल, जीरे वाले चावल इत्यादि लेकिन चावल के गुणों की जानकारी बहुत कम लोगों को ही होती है। अधिकतर महिलाएं चावल को स्वादिष्ट बनाते समय उसके बहुमूल्य तत्वों को नष्ट कर देती हैं।
आज के आधुनिक युग में चावलों को भी मशीनों द्वारा साफ किया जाता है, जिससे उनकी पौष्टिकता नष्ट हो जाती है। शेष पौष्टिकता महिलाएं खत्म कर देती हैं। चावलों को मल मल कर बार-बार धोना उनके तत्वों को नष्ट करने का पहला चरण है। बार-बार धोने से पौष्टिक तत्व बह जाते हैं।
चावल को प्रेशर कुकर में न बना कर पतीले में उबाल कर बनाना और उसके पानी को जिसे आम भाषा में मांड या स्टार्च कहा जाता है फेंक दिया जाता हैं अत: चावलों को प्रेशर कुकर में बनाना ही लाभप्रद है। मांड में उपस्थित विटामिन्स व खनिज लवणों का हम विभिन्न प्रकार से उपयोग कर सकते हैं।
मांड को सूप में प्रयोग किया जा सकता है। मक्की के आटे में यदि इसको मिला लिया जाए तो रोटी टूटती नहीं है। मांड में इमली का पानी व करी पत्ता डाल कर कढ़ी का मजा लिया जा सकता है। मांड को सादे पानी में मिलाकर सूती कपड़ों में लगाने से वे सामान्य व कड़कदार रहते हैं।
इस प्रकार थोड़ी सी समझदारी से आप भोजन को संतुलित व स्वादिष्ट बना कर पौष्टिक तत्वों को नष्ट होने से बचा सकती हैं।
पौष्टिकता नष्ट न करें चावल की
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