
कोलकाताः मौसम का मिजाज पूरी तरह से बदल गया है। कड़ाके की सर्दी से लोगों का घर से बाहर निकलना दूभर हो रहा है। ठंड के मौसम में खांसी, सर्दी-जुकाम, गले में खराश से सबसे ज्यादा लोग परेशान रहते हैं। सर्दी की ठंडी हवाओं के कारण ये समस्याएं जल्दी दूर भी नहीं होती हैं। ऐसे में घर से बाहर निकलने में जरा सी भी लापरवाही आपको और भी अधिक बीमार कर सकती है। कुछ लोगों की खांसी-जुकाम, गले में खराश जल्दी ठीक नहीं होती है।
कफ वाली खांसी सर्दी के मौसम में अधिक होती है और उचित इलाज से ही इसे आफ जल्दी ठीक कर सकते हैं। खांस-खांस कर सीन में दर्द, जलन रहने लगता है। आपको भी खांसी की समस्या है और ठीक होने का नाम नहीं ले रही है, तो फिर आप कुछ होम रेमेडीज या घरेलू नुस्खे को कुछ दिनों के लिए आजमा कर जरूर देखें।
हर किसी को कभी न कभी खांसी की समस्या से दो चार होना ही पड़ता है। और जब मौसम बेहद ठंडा हो, तो ये समस्याएं बेहद कॉमन हो जाती हैं। सर्दी के मौसम में खांसी की समस्या दिन से कई गुना ज्यादा रात में परेशान करती है। इसकी वजन से नींद नहीं आ पाती, थकान, चिड़चिड़ापन और अगले दिन की सुस्ती जैसी समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है। अगर आपको भी रात में पड़ने वाले खांसी के दौरे से परेशीनी होती है, तो इसका सामना करने के लिए आप इन टिप्स को अपना सकते हैं।
सिर को बाकी शरीर से ऊपर रखें
जब आप सोने के लिए लेटें तो सिर को तकिये की मदद से शरीर के दूसरे भाग से ऊपर रखें। इससे खांसी में आराम इसलिए मिलता है क्योंकि खांसी आपके गले और श्वास नलियों में इरिटैंट्स यानि उसमें तकलीफ होने से ही होती है। अगर आपका सिर शरीर के लेवल से ऊपर होगा तो आपके गले में पानी जमा नहीं होगा। इससे आपकी खांसी कम हो सकती है।
पीठ के बल न सोएं
पीठ के बल सोने से ब्लड में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है, जिससे फेफड़ों पर असर पड़ता है, आपको इस वजह से गहरी सांस लेनी पड़ती है और खांसी होने की संभावना बढ़ जाती है। पेट के बल लेटने से आपको खांसी से राहत तो मिल जाएगी लेकिन फिर दूसरे अंगों पर दबाव पड़ेगा। इसलिए सबसे अच्छा है कि आप करवट लेकर सोएं।
सोने से पहले सिर्फ नाक से लें सांस
जब नाक बंद होती है तो आप मुंह से सांस लेने लगते हैं। मुंह से सांस लेना हाइपरवेंटिलेशन का संकेत है, जिससे खांसी हो जाती है। इसलिए सोने से पहले बंद नाक का इलाज करें। इसके लिए आप एक जगह बैठ जाएं। फिर अपना मुंह बंद कर लें, नाक दबा लें और सांस रोकें। जब तक हो सके सांस रोकें और 20 से 30 कदम चलें। उसके बाद नाक छोड़ दें, और उससे आराम से सांस छोड़ें और अंदर लें। इस एक्सरसाइज़ को तब तक करें जब तक कि आप नाक से ठीक से सांस लेना शुरू न कर दें।
खाने के 2 घंटे बाद सोएं
कई बार ऐसा होता है कि रात में पेट के एसिड्स फूड पाइप और गले तक वापस आने लगते हैं और उस वजह से खांसी होती है। गले में गतिरोध पैदा होने से ही ऐसा होता है। ये सब खाना खाने के फौरन बाद सोने से होता है। इसे एसिड रिफ्लक्स कहते हैं। इसलिए खाना खाने के तकरीबन दो घंटे बाद सोएं, तुरंत न सोएं।
बेड शीट और तकिये को रखें साफ
अपने बेडरूम में धूल न जमने दें। धूल या फिर घर के पालतू जानवर के फर के कारण भी रात को खांसी का दौरा पड़ सकता है। सांस लेने के दौरान ये श्वास नली में फंस जाते हैं जिससे कि खांसी शुरू हो जाती है। इसलिए अपना रूम, खासतौर पर अपनी बेडशीट और तकिये को साफ रखें।