नई दिल्ली : एक सोशल मीडिया के मैसेज में कहा जाता है कि पीरियड के दौरान महिलाओं की एंटीबॉडीज यानी प्रतिरोधक क्षमता काफी कम रहती है। इसके पीछे ये तर्क दिया जा रहा है कि वैक्सीन की पहली डोज से प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। लेकिन, वैक्सीनेशन के बाद फिर धीरे-धीरे बढ़ती है इसलिए अगर आप पीरियड के दौरान वैक्सीन लेंगे तो संक्रमण का ख़तरा अधिक होगा। जानिए इस बारे में एक्सपर्ट डॉक्टर क्या कहते हैं।
सरोजनी नायडू मेडिकल कॉलेज आगरा में स्त्री व प्रसूति रोग विशेषज्ञ प्रो. डॉ. निधि गुप्ता कहती हैं कि यह सिर्फ एक मिथ है। महिलाओं में मासिक चक्र एक सामान्य प्राकृतिक प्रक्रिया है। इस दौरान किसी भी तरह इम्यूनिटी कम नहीं होती, ऐसी कोई भी स्टडी अभी तक सामने नहीं आई है इसलिए किसी को इस मिथक के बारे में गंभीर नहीं होना चाहिए।
डॉ निधि कहती हैं कि महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान वैक्सीन लेने से बचना चाहिए क्योंकि अभी तक भारत सरकार की इसे लेकर कोई गाइडलाइन नहीं आई हैं। वहीं लैक्टेटिंग मदर यानी स्तनपान कराने वाली महिलाएं या पीरियड से गुजर रही महिलाएं कभी भी वैक्सीन ले सकती हैं। अगर आपका वैक्सीन का स्लॉट आ जाए तो उसे पीरियड के आधार पर मना न करें।
इस मिथक को लेकर सरकार ने भी स्पष्टीकरण जारी कर दिया है। पीआईबी ने इस बारे में एक बयान जारी करके कहा कि जिन सोशल मीडिया संदेशों में ये कहा जा रहा है कि लड़कियों और महिलाओं को पीरियड के पांच दिन पहले और पांच दिन बाद वैक्सीन नहीं लेनी चाहिए, पीआईबी ने कहा कि वो फेक है। इस अफवाह पर विश्वास न करें।
पीरियड के दौरान कोरोना वैक्सीन लगवा सकते हैं या नहीं
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