नई दिल्ली : आईएनएक्स मीडिया धनशोधन (मनी लॉन्डरिंग) मामले में देश के पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम की जमानत याचिका पर उच्चतम न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को न्यायालय ने 26 नवंबर को जवाब दाखिल करने के लिए कहा है। वहीं, इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 26 नवंबर की तारीख तय की गयी है। इससे पहले तिहाड़ जेल में पिछले 90 दिनों से कैद चिदंबरम ने सोमवार को अपनी जमानत याचिका खारिज कर दिए जाने के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी।
तीन सदस्यीय पीठ के समक्ष चिदंबरम की याचिका का उल्लेख
वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने प्रधान न्यायाधीश शरद अरविन्द बोबडे, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति सूर्य कांत की तीन सदस्यीय पीठ के समक्ष चिदंबरम की याचिका का उल्लेख किया और इसे शीघ्र सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया था। चिदंबरम के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने न्यायालय से कहा कि चिदंबरम को जमानत दी जानी चाहिए क्योंकि वह तीन माह से अधिक समय से जेल में बंद हैं। पीठ ने सिब्बल से कहा था कि इस याचिका पर विचार किया जाएगा। साथ ही बताया कि मंगलवार या बुधवार को जमानत याचिका सुनवाई के लिये ली जायेगी।
27 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में चिदंबरम
इससे पहले 15 नवंबर को उच्च न्यायालय द्वारा चिदंबरम की जमानत याचिका खारिज कर दी गयी थी। न्यायालय द्वारा कहा गया था कि चिदंबरम के खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर अपराध में सक्रिय तथा मुख्य निभाने का आरोप है। चिदंबरम को केन्द्रीय जांच ब्यूरो ने 21 अगस्त को आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार किया था। इसके बाद उच्चतम न्यायालय ने उन्हें 22 अक्टूबर को जमानत दे दी थी। इसी बीच, 16 अक्टूबर को सीबीआई की प्राथमिकी के आधार पर दर्ज धन शोधन के मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने चिदंबरम को हिरासत में ले लिया था। निचली अदालत के आदेश पर वे 27 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में हैं।
कुल 15 लोगों के खिलाफ रिश्वत का आरोप
गौरतलब है कि 18 अक्टूबर को आईएनएक्स मीडिया केस में केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने पी चिदंबरम, उनके बेटे कार्ति चिदंबरम और उनकी दो कंपनियों समेत कुल 15 लोगों के खिलाफ शुक्रवार को आरोप पत्र दायर किया था। सीबीआई द्वारा आरोप लगाया गया कि इंद्राणी मुखर्जी ने पी चिदंबरम को 35.5 करोड़ रुपये से ज्यादा की रिश्वत दी है। ये रकम उन्हें सिंगापुर, मॉरीशस, बरमूडा, इंग्लैंड और स्विटजरलैंड में दी गई। ये आरोप पत्र विशेष न्यायाधीश लाल सिंह के समक्ष दायर किया गया।