नई दिल्ली : कोरोना वायरस के मामले एक बार फिर देशभर में तेजी से बढ़ रहे हैं। कोरोना की ये लहर पहले से भी ज्यादा घातक साबित हो रही है। डॉक्टर्स के मुताबिक, नया कोविड स्ट्रेन न सिर्फ अधिक संक्रामक है, बल्कि कई गंभीर लक्षण भी लेकर आया है। इस बीच कुछ मरीज होम क्वारनटीन में रिकवर हो रहे हैं, जबकि कुछ तबियत बिगड़ने पर अस्पताल की तरफ रुख कर रहे हैं। आइए जानते हैं कि कोरोना पॉजिटिव होने पर किन हालातों में अस्पताल जाने की जरूरत है।
सांस में तकलीफ- सांस में तकलीफ या छाती में दर्द इंफेक्शन के ज्यादा खतरे का संकेत है। कोरोना वायरस एक रेस्पिरेटरी इंफेक्शन है और ये वायरस हमारे ‘अपर ट्रैक्ट’ में हेल्दी सेल्स पर हमला करता है। परिणामस्वरूप मरीज को सांस लेने में तकलीफ होने लगती है और उसकी जान को खतरा बढ़ जाता है।
ऑक्सीजन लेवल- कोरोना संक्रमित होने पर शरीर के ऑक्सीजन लेवल पर भी इसका बुरा असर पड़ता है। दरअसल, कोरोना पॉजिटिव होने पर इंसान के फेफड़ों के एयर बैग में फ्लूड भर जाता है और शरीर में ऑक्सीजन लेवल की कमी हो जाती है। ऐसा होने पर मरीज को तुरंत अस्पताल में दाखिल हो जाना चाहिए।
बेहोशी या ब्रेन फंक्शन में दिक्कत- कई ऐसे मामले सामने आए हैं जहां कोविड-19 मरीजों के ब्रेन फंक्शन और नर्वस सिस्टम को प्रभावित करता है। कई मरीजों में कन्फ्यूज़न, आलस, बेचैनी और बेहोशी जैसे लक्षण भी देखे जा चुके हैं। एक्सपर्ट कहते हैं कि यदि किसी मरीज को आसान काम करने में दिक्कत हो रही है या किसी वाक्य को बोलने में लड़खड़ाहट हो रही है तो उसे तुरंत अस्पताल चले जाना चाहिए।
छाती में दर्द– छाती में किसी भी प्रकार के दर्द को इग्नोर न करें। SARS-COV2 कई मामलों में फेफड़ों की म्यूकोसल लाइनिंग पर अटैक करता है। इसलिए छाती के इस हिस्से में मरीज को दर्द और जलन महसूस होने लगती है। ऐसी दिक्कत महसूस होने पर आपको तुरंत अस्पताल की ओर रुख करना चाहिए।
होठों पर नीलापन- कोरोना पॉजिटिव होने पर कई लोगों के होंठ और चेहरे पर नीलापन आ जाता है। ये शरीर में ऑक्सीजन लेवल के प्रभावित होने का संकेत है, जिसे मेडिकल भाषा में हाइपोक्सिया कहा जाता है। हाइपोक्सिया में हमारे टिशूज़ को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है, जिस कारण बॉडी ठीक से फंक्शन नहीं कर पाती है।
सामान्य लक्षण- बुखार, खांसी, गले में रूखापन, खराश, नाक बहना, बदन दर्द, जोड़ों में दर्द और लॉस ऑफ स्मैल एंड टेस्ट कोरोना के बेहद सामान्य से लक्षण हैं। आमतौर पर ये लक्षण दिखने पर होम क्वारनटीन की सलाह दी जाती है लेकिन कुछ लोगों में ये लक्षण बेहद गंभीर हो जाते हैं। ऐसी कंडीशन में आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
कब अस्पताल नहीं जाने की जरूरत- कोरोना के कई ऐसे लक्षण भी हैं जिनके दिखने पर आपको अस्पताल जाने की जरूरत नहीं है। आप घर बैठे ही इमरजेंसी सर्विस को फोन कर इस बारे में राय ले सकते हैं। हल्का बुखार, डायरिया, थकावट या कोई भी सामान्य लक्षण दिखने पर तुरंत अस्पताल न जाएं।
कोविड-19 होने पर क्या करें- यदि आप कोरोना संक्रमित हो चुके हैं तो होम क्वारनटीन या आइसोलेशन वॉर्ड में शिफ्ट हो जाएं। घर में बच्चों, बुजुर्गों या किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें।
कैसे रखें अपना ख्याल- हेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि यदि आप किसी संक्रमित व्यक्ति से 6 फीट से कम दूरी पर लगभग 15 मिनट तक संपर्क में रहते हैं तो इस बीमारी की चपेट में आ सकते हैं। संक्रमित व्यक्ति से दूर रहें और बाहर जाने से पहले मास्क पहनें और आने के बाद हाथों को अच्छे से सैनिटाइज करें।
कोरोना के सबसे खतरनाक लक्षण, दिखते ही जाएं अस्पताल
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