कोलकाता : जैसे-जैसे समय बढ़ रहा है, कोरोना के नए-नए लक्षण और मामले सामने आ रहे हैं। अब तक वायरस किडनी, लंग्स, जीभ और गले पर अटैक कर रहा था, लेकिन हाल में इसने त्वचा पर अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। दूसरी लहर में स्कारियर के लक्षण सामने आए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि त्वचा पर किसी भी तरह का बदलाव कोरोना वायरस का संकेत हो सकता है। इसे मामूली समझने की भूल न करें। ऐसा होने पर तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करे..
होठों के आसपास सूखापन
वैसे तो होंठों का सूखना सामान्य है, लेकिन अगर इन दिनों आपके होंठ सूखने लगें, तो इस पर ध्यान दें। क्योंकि इसे भी संक्रमण का नया लक्षण माना जा रहा है। संक्रमण की शुरूआत में होंठ शुष्क और पपड़ीदार हो जाएंगे। सूखे होंठ तब भी हो सकते हैं, जब आप निर्जलित हों। डॉक्टरों ने इस समस्या पर दोगुनी सावधानी बरतने की चेतावनी दी है।
चकत्ते और फफोले-
त्वचा पर दिखने वाले चकत्ते और फफोले भी कोरोना का लक्षण हैं। इसमें आप दर्द के साथ खुजली का भी अनुभव कर सकते हैं। ये आपकी बाहों, गर्दन के पीछे, जांघों से पैर की उंगलियों तक के हिस्से को प्रभावित करते हैं। ऐसा आमतौर पर तब होता है जब वायरस धमनियों और नसों पर हमला करना शुरू कर दिया हैं l
नाखून और पैर की उंगलियों पर असर
कोविड नाखून और पैर की उंगलियां असामान्य लक्षण है । इसमें नाखूनों पर दिखने वाला एक विकृत निशान इस बात को दर्शाता है कि व्यक्ति को पहले कोविड हो चुका है। कुछ अध्ययनों से पता चला है कि वायरस इंफेक्शन और रिकवरी के बाद भी नाखूनों पर अपना असर छोड़ रहा है। तेजी से फैला वायरस मालिनीकरण और घावों के रूप में भी दिखाई दे सकता है। इसमें आपके पैर की उंगलियां नीली पड़ सकती है और दर्द का अनुभव कर सकते हैं।
पित्ती
विशेषज्ञों के अनुसार, असामान्य रूप से पित्ती भी कोविड-19 होने का संकेत हो सकता है। इस कोविड लक्षण के बारे में अजीब बात ये है कि पित्ती घंटों के अंदर आ और जा सकती है। अध्ययन में पता चला है कि यह लक्षण कोरोनावायरस को हराने के बाद भी एक व्यक्ति में लंबे समय बाद सामने आ सकता है।
कोविड के लक्षण और त्वचा के संक्रमण में क्या अलग है-
शोधकर्ताओं के अनुसार, त्वचा के लक्षण संक्रमण के शुरूआत में दिखाई देते हैं और इसके बाद बुखार, खांसी के साथ कोविड-19 संक्रमण के अन्य लक्षण नजर आते हैं। इसलिए लक्षण महसूस होने पर टेस्ट कराएं। मधुमेह के रोगी, छोटे बच्चे और त्वचा की एलर्जी और संक्रमण की चपेट में आने वाले लोगों को दोगुना सावधानी बरतनी चाहिए।