
नई दिल्ली: देश के पहले डिफेंस ऑफ स्टाफ (सीडीएस) के तौर पर जनरल बिपिन रावत के नाम की घोषणा के कुछ समय बाद ही कांग्रेस की ओर से इस पद को लेकर सवाल उठाए गए हैं। कांग्रेस ने इस पद के लिए सरकार की आलोचना करते हुए इसे ‘गलत कदम’ ठहराया है। हाल ही में पंजाब से सांसद और कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष तिवारी ने ट्वीट कर कहा कि यह सरकार का गलत कदम है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘मैं काफी अफसोस और पूरी जिम्मेदारी के साथ यह बात कहना चाहता हूं कि सीडीएस के लिए सरकार द्वारा काफी गलत कदम उठाया गया है। दुर्भाग्य से इस कदम के बुरे अंजाम को आने वाला समय ही बताएगा।’
‘रावत के वैचारिक झुकाव के प्रभाव से सेना को रखें दूर’
कांग्रेस ने मंगलवार को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के तौर पर जनरल विपिन रावत की नियुक्ति को लेकर कई सवाल उठाए हैं। कांग्रेस की ओर से कहा गया कि सेना एक गैर राजनीतिक संस्था है जिसे बिपिन रावत के वैचारिक झुकाव के प्रभाव से दूर रखने की आवश्यकता है। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने ट्वीट किया, ‘‘गैर राजनीतिक संस्था सेना पर बिपिन रावत जी के वैचारिक झुकाव का प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए। ”
सेना के तीनों अंगों के बीच तालमेल बैठाएगा सीडीएस
उल्लेखनीय है कि देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के तौर पर जनरल बिपिन रावत को नियुक्त किया गया है। सीडीएस के तौर पर वे सेना के तीनों अंगों को आदेश जारी करने का अधिकार रखते हैं। इसके अलावा सीडीएस को भारतीय सेना के तीनों अंगों के बीच तालमेल बैठाने तथा युद्ध के दौरान सिंगल प्वॉइंट यानि एक ही आदेश देने का भी अधिकार होता है। साइबर और स्पेस कमांड की जिम्मेदारी भी सीडीएस की होती है।
कारगिल युद्ध के बाद बनी समिति ने की सिफारिश
मालूम हो कि सीडीएस की सिफारिश सबसे पहले कारगिल युद्ध के बाद बनी समिति द्वारा की गई थी। सेना के तीनों अंगों में तालमेल बैठाने के उद्देश्य से इस पद को लाया गया। इसी वर्ष स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लालकिले से देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने सीडीएस बनाने की घोषणा की थी। इसके बाद एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया था जिसकी रिपोर्ट के बाद ही सीडीएस का ऐलान हुआ।