
जम्मू : अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सांबा सेक्टर में दुश्मनों की गोलीबारी से सुरक्षा के मद्देनजर खेती के लिए बुलेटप्रूफ ट्रैक्टर का इस्तेमाल किया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, इन ट्रैक्टरों को पाकिस्तान की ओर से युद्ध विराम उल्लंघन की घटनाओं को देखते हुए खरीदे गए हैं। किसान अब सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की निगरानी में इन खास ट्रैक्टरों से सीमा से सटे जमीन पर खेती कर रहे हैं।
सुरक्षा के लिए किसान कर रहें इस ट्रैक्टर का इस्तेमाल
बता दें कि 90 के दशक की शुरुआत में जिस वक्त खालिस्तान आंदोलन चरम पर था, उस वक्त पंजाब पुलिस ने खास तौर पर बुलेटप्रूफ ट्रैक्टर बनवाए थे। उससे पहले सुरक्षा एजेंसियों ने इस तरह के वाहनों का इस्तेमाल नहीं किया था। बुलेटप्रूफ ट्रैक्टर से 15 फीट ऊंचे गन्ने के खेत में छिपे खालिस्तानी आतंकियों का खात्मा करने में मदद मिली थी। अब पाकिस्तान की ओर से संघर्ष विराम उल्लंघन की मौजूदा स्थिति को देखते हुए अपनी सुरक्षा के लिए किसान इस प्रकार के ट्रैक्टर का इस्तेमाल कर रहे हैं।
नियंत्रण रेखा पर 950 बार तोड़ा सीजफायर
सूत्रों की माने तो इस साल अगस्त से अक्टूबर के दौरान पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा पर 950 बार एवं अंतरराष्ट्रीय सीमा पर 79 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया। पाकिस्तान की ओर से इस साल संघर्ष विराम उल्लंघन की घटनाओं में 50 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है। नियंत्रण रेखा पर जहां सेना तैनात रहती है, वहीं जम्मू क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सीमा की निगरानी बीएसएफ करती है।
घुसपैठ के लिए गोलीबारी का सहारा लिया जाता है
संसद में रक्षा मंत्रालय की ओर से बताए गए आंकड़ों के अनुसार इस साल पाकिस्तान ने 2300 बार संघर्ष विराम तोड़ा है, जबकि साल 2018 में कुल 1629 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया गया। साल 2017 में पाकिस्तान ने 860 और 2016 में 228 बार संघर्ष विराम तोड़ा था। अधिकारियों की माने तो पाकिस्तान की ओर से घाटी में आतंकी घुसपैठ को मदद देने के लिए इस तरह गोलीबारी की जाती है। गृह मंत्रालय के अनुसार, साल 2018 में घुसपैठ की 328 घटनाएं रिकॉर्ड की गई थीं, जिनमें से आतंकी 143 बार सीमा पार करने में सफल रहे।