कोलकाता : भागदौड़ भरी इस जिंदगी में लोगों के पास समय का अभाव है। ज्यादातर लोग काम को लेकर इतना व्यस्त हो चुके हैं कि वह नींद भी पूरी नहीं कर पाते कई बार हम देखते हैं कि लोगों को नींद पूरी करने का मौका भी मिलता है तो वह जबरन जागते रहते हैं और मोबाइल चलाते रहते हैं। इसे रिवेंज बेडटाइम प्रोक्रास्टिनेशन कहा जा रहा है, यानी नींद को जबरन टालना। अगर आप भी पूरी नींद नहीं लेते और रात में ज्यादा देर बेमतलब बिजी रहते हैं तो ये आपकी सेहत के लिए बेहद नुकसान पहुंचा सकता है।
एक व्यक्ति को कितनी नींद लेना जरूरी है ?
कई अध्ययनों से पता चला है कि स्लीपिंग पैटर्न और स्लीपिंग डिसऑर्डर वंशानुगत हैं। यानी ये सब आपके डीएनए से जुड़ा हुआ मामला है। कुछ लोग छह घंटे की नींद के बाद भी रिलैक्स महसूस कर सकते हैं। वहीं कुछ लोगों के लिए 9 घंटे की नींद के बाद भी आराम की जरूरत पड़ सकती हैं। वैसे हेल्थ एक्सपर्ट्स सामान्य तौर पर 8 घंटे नींद लेने की सलाह देते हैं। ताकि आपके मानसिक और शारारिक स्वास्थ पर कोई बुरा असर न हो।
नींद के लिए आदर्श वक्त क्या है, इसका पता कैसे करें?
हेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि सभी लोग एक दूसरे से अलग हैं। सबकी दैनिक आदत, व्यायाम, स्वास्थ्य और काम करने का तरीका भी एक दूसरे से बहुत अलग है। इसलिए यह तय करने का कोई आदर्श तरीका नहीं है कि आपको कितनी नींद की जरूरत है। जब आप जागते हैं, तो आप कैसा महसूस करते हैं, यह नींद के लिए आदर्श समय पता करने का सबसे अच्छा तरीका है। इ
पूरी नींद लेना क्यों जरूरी ?
हेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि नींद की कमी कई बीमारियों को जन्म देने का कारण बन सकती है। पर्याप्त नहीं सोने से हाई ब्लड प्रेशर या हार्ट अटैक हो सकता है, क्योंकि नींद की कमी आपके शरीर को तनाव का हार्मोन कोर्टिसोल रिलीज करने की वजह बन सकती है। इसके अलावा शारीरिक और मानसिक जैसे दिल की बीमारी, किडनी की बीमारी, मोटापा, डायबिटीज और डिप्रेशन हो सकता है। यही वजह है कि आपको पूरी नींद लेना बेहद जरूरी है।
देर रात तक जागने से हालत हो सकती है खराब ! जानिए पूरी नींद लेने के जबरदस्त फायदे
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