अभी तक सभी लोग इस भय से ग्रस्त हैं कि मोटापा आदमी को मौत के नजदीक जल्दी ले जाता है किंतु वैज्ञानिकों ने नया शोध किया है कि जितना खतरा मोटापे को लेकर बताया जाता है वास्तव में यह उतना नहीं है। न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में छपे एक शोध के अनुसार 324, 153 व्यस्कों पर 12 वर्षों तक परीक्षण किया गया। जांच से पता चला कि मोटापे से मरने वाले लोगों की संख्या सामान्य ही रही तथा इससे कोई विशेष खतरे जैसी कोई स्थिति पैदा नहीं हुई। जैसे-जैसे लोगों की उम्र बढ़ती गई, यह खतरा कम से कम होता चला गया। 65 वर्ष की आयु में जाकर यह खतरा नगण्य सा हो गया और 74 वर्ष की उम्र आते ही मोटापे से मरने का संकट ही टल गया। इस अध्ययन ने यह सिद्ध कर दिया कि शरीर के अधिक भार से जल्दी मरने का खतरा उतना अधिक नहीं है। इस शोध अध्ययन को लेकर वैज्ञानिकों में दो राय हैं। कुछ का यह मानना है कि वे अपने रोगियों को कैसे कहें कि अधिक मोटा होना स्वास्थ्य के लिए निरापद हैै जबकि कई वैज्ञानिकों की यह मान्यता है कि मोटापे के खतरे को बढ़ा-चढ़ाकर बताया जाता रहा है।
शाकाहारी व्यक्ति अधिक दीर्घायु होते हैं
शाकाहारी व्यक्ति मांसाहारी की तुलना में अधिक दीर्घायु होते है, साथ ही रोगों का प्रतिरोध करने की शाकाहारी की क्षमता भी अधिक होती है। हार्ट केयर फाउंडेशन आॅफ इंडिया के चेयरमैन डाॅ. कर्नल चोपड़ा के अनुसार शाकाहार न केवल पाचन तंत्र और पाचन प्रक्रिया अपितु हृदय मस्तिष्क तथा चेतना को भी लाभ पहुंचाता है।
अनेक शक्तिशाली जानवर जैसे हाथी, घोड़ा और बैल आदि जिनमें लगातार काम करते रहने की शक्ति है, शाकाहारी ही हैं। शाकाहारी भोजन प्रोटीन के साथ साथ सभी पौष्टिक तत्वों की पूर्ति शरीर को करता है जबकि मांसाहार में प्रोटीन ही प्रचुर मात्र में पाया जाता है। दालें, सोयाबीन तथा मूंगफली में भी प्रोटीन अधिक मात्र में पाया जाता है हरी सब्जियों, दालों, गेहूं आदि के सेवन से शरीर के लिए आवश्यक सभी पौष्टिक तत्व जैसे प्रोटीन, विटामिन, वसा, कार्बोहाइड्रेट, खनिज लवण आदि शरीर को भरपूर मात्र में मिलते हैं। इससे शरीर स्वस्थ रहता है तथा लंबी आयु प्राप्त होती है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि निम्न वसा और नगण्य कोलेस्ट्रोल शाकाहारी भोजन की विशेषता है। इस कारण शाकाहारी व्यक्तियों को हृदयाघात, मोटापा, उच्च रक्तचाप और कैंसर जैसे रोग नहीं दबोच पाते।
रक्तदान करने वालों को कैंसर का खतरा कम
शोधकर्ताओं के अनुसार रक्तदान करना स्वास्थ्य के लिए अच्छा है। उनके अनुसार जो लोग रक्तदान करते हैं उन्हें कैंसर और मृत्यु का खतरा कम होता है उन लोगों के बजाए जो रक्तदान नहीं करते। लगातार या अक्सर रक्तदान कर्ताओं को दिल की बीमारी का खतरा भी कम होता है। खून में फालतू लौह तत्व के इकट्ठा होने से ह्नदय रोग और कैंसर रोग होने का खतरा अधिक होता है। जो लोग अक्सर रक्तदान करते हैं उनका फालतू लौह तत्व जमा नहीं हो पाता जिससे उनका स्वास्थ्य ठीक रहता है। इस शोध में शोधकर्ताओं ने 1,110,202 ऐसे लोगों का अध्ययन किया जिन्होंने 1968 से 2002 तक रक्तदान किया था। उन्होंने यह पाया कि रक्तदान की संख्या और कैंसर के खतरे में कोई संबंध नहीं है किन्तु यह पाया गया जिन लोगों ने कई बार रक्तदान किया था उनमें लिवर, लंग्स, कोलोन, पेट और गले के कैंसर का खतरा कम पाया गया।