
लखनऊ : अयोध्या के धन्नीपुर में बनने वाली मस्जिद परंपरागत स्वरूप से बनने वाली मस्जिदों से अलग होगी। इस मस्जिद को दो मीनारों के साथ अंडाकार का रूप दिया जाएगा। इसे आधुनिक स्वरूप देने के लिए इसमें मेहराब नहीं बनाए जाएंगे। बाबरी मस्जिद के बराबर रकबा में बनने वाली इस मस्जिद में एक साथ 2000 लोग नमाज अदा कर सकेंगे। इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट ने इसकी डिजाइन तैयार करवा ली है। हालांकि अभी तक इसका औपचारिक बयान सामने नहीं आया है।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर राज्य सरकार ने मस्जिद बनाने के लिए धन्नीपुर गांव में पांच एकड़ जमीन दी है। फाउंडेशन ने इस जमीन पर मस्जिद, अस्पताल, इंडो इस्लामिक रिसर्च सेंटर और कम्यूनिटी किचन की डिजाइन तैयार करने की जिम्मेदारी बीते एक सितंबर को जामिया मिल्लिया इस्लामिया में आर्किटेक्चर विभाग के अध्यक्ष प्रो. एसएम अख्तर को दी थी। सूत्रों का कहना है कि लगभग 15,000 वर्गफीट में बनने वाली मस्जिद की इमारत की डिजाइन तैयार हो गई है। इसमें मस्जिद को परंपरागत स्वरूप से हटकर मॉडर्न लुक दिया गया है।
इमारत का आकार अंडाकार रखा है, जबकि छत गुंबदनुमा और पारदर्शी होगी। इसकी दो मीनारें आधुनिक शैली में डिजाइन की गई हैं। ये मीनारें बिल्कुल सीधी न होकर हल्की गोलाकार नजर आएंगी। इस मस्जिद में मेहराब नहीं होंगी।
सौर ऊर्जा का होगा प्रयोग
मस्जिद में प्रकाश की व्यवस्था सौर ऊर्जा से की जाएगी। इसके लिए सोलर पैनल लगाए जाएंगे। पर्यावरण सरंक्षण को ध्यान में रखते हुए मस्जिद परिसर को हरा-भरा रखने के साथ ही यहां जल संरक्षण करने की भी योजना है।